भगवान कण-कण में हैं विराजमान
जलालाबाद कन्नौज मानव जीवन भगवान की साधना गरीबों की मदद जरूरतमंदों की मदद के लिए मिलता है मनुष्य को प्रभु की शरण में जाने से उसे भवसागर से मुक्ति मिल जाती है भगवान कण-कण में विराजमान है किस रूप में कहां प्रकट हो जाएं यह किसी को पता नहीं सोमबार को जलालाबाद गुगरापुर रोड पर पंचवटी शिव आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन महाराज बलराम मिश्रा जी ने सुनाया की एक बार त्रेतायुग माही शंभू गए कुंभज ऋषि पाएं महाराज ने भगवान राम की महिमा का वर्णन कर कहा कि श्रद्धा से जो भगवान को याद करता है भगवान उसे किसी ना किसी रूप में उसे दर्शन देते हैं उन्होंने भक्त शबरी की कथा का मार्मिक चित्रण कर कहा कि प्राणी को मानव यौन में जन्म लेने के बाद भगवान की शरण में जाना चाहिए भूखे को भोजन कराना चाहिए कमजोर निर्धन कन्या एवं अनाथ की रक्षा करनी चाहिए भगवान भाव के भूखे हैं व्यक्ति को भगवान के शरण में जाने से उसे भवसागर से मुक्ति मिलती है_इस दौरान कथा में पागला नंद महाराज, वैभव शुक्ला , प्रभात शुक्ला , मोनू ठाकुर ,आकाश,सोनू ठाकुर ,संतोष चतुर्वेदी, जितेंद्र सिंह,राकेश भदौरिया ,ज्ञानेंद्र सिंह,संजू चतुर्वेदी, सुनील दीक्षित संदीप भदौरिया ,सोनू दीक्षित , सुन्दरम दीक्षित ,द्दोटू ठाकुर प्रमोद दीक्षित आदि भक्त मौजूद रहे_