शिवपाल समेत चार विधायकों को बड़े बंगले देने के मामले में हाईकोर्ट ने नियुक्त किया न्यायमित्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव समेत विधायक पंकज सिंह, नीरज बोरा व एमएलसी आशीष पटेल को बड़े बंगले देने के खिलाफ दायर याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर को न्यायमित्र नियुक्त किया है। इस मामले में प्रदेश सरकार का जवाब आने के बाद कोर्ट ने याची को प्रति उत्तर के लिए हफ्ते भर का समय देकर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को नियत की है।



न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश वकील मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर दिया। याची का कहना था कि नियमों की अनदेखी कर राजनीतिक वजहों से इन चारों विधायकों को बड़े बंगले आवंटित किए गए हैं। जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव को बंगला नंबर 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग आवंटित किया गया है।
यह पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आवंटित था। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को आवंटित बंगला नंबर 1ए माल एवेन्यू विधान परिषद सदस्य आशीष पटेल को दिया गया है, जबकि बंगला न. ए 4 दिलकुशा कॉलोनी व ए 6 दिलकुशा कॉलोनी क्रमश: पंकज सिंह व नीरज बोरा को दिया गया है। याची ने दलील दी कि ये सभी मात्र विधायक हैं, लिहाजा नियमानुसार टाइप छह के ये बंगले इन्हें आवंटित नहीं किए जा सकते लिहाजा आवंटन रद्द किया जाए।


'अधिनियम व नियमों के मुताबिक किया गया आवंटन'



उधर, सरकारी वकील का कहना था कि चारों विधायकों को आवंटन वर्ष 2016 के सरकारी आवासों को देने से संबंधित अधिनियम और नियमों के मुताबिक किया गया है। पहले अदालत ने मामले में सरकारी वकील को कहा था कि राज्य संपत्ति विभाग के प्रमुख सचिव का विस्तार से जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए अन्यथा भारी हर्जाना लगाया जाएगा।
बीते शुक्रवार को सरकारी वकील ने जवाब दाखिल कर दिया। याचिका में प्रदेश सरकार के जरिए राज्य संपत्ति विभाग के प्रमुख सचिव, राज्य संपत्ति अधिकारी समेत चारों विधायकों को पक्षकार बनाया गया है।