पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं से पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में, एक दिन में 42 की मौत
 


पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है। गलन ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बृहस्पतिवार को ठंड से 42 लोगों की मौत की सूचना मिली। वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के दौरान प्रदेश में जबरदस्त शीतलहरी व कई जिलों में घने कोहरा की चेतावनी जारी की है।
प्रदेश में बहराइच अपने न्यूनतम तापमान 3.6 व बस्ती 4.5 डिग्री सेल्सियस के साथ बृहस्पतिवार को सबसे ठंडे स्थान रहे। जबकि राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में अधिकतम तापमान में 10 से 13 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते लोगों को भारी गलन का सामना करना पड़ा। ऐसे ही कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में सामान्य से 2-7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
गोरखपुर, मेरठ, फतेहगढ़ और आगरा में न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। जबकि गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, बहराइच, सुल्तानपुर, बरेली, मेरठ, गाजीपुर, बलिया, कानपुर, हरदोई, शाहजहांपुर, नजीबाबाद, उरई में दिन का अधिकतम तापमान 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया।
सुबह सूर्यग्रहण व घने कोहरे के चलते धूप काफी कमजोर रही और शाम होते ही गलन इस कदर हावी हुई कि बाहर अलाव और घरों में हीटर-ब्लोअर के सामने से लोग हटने से कतराते रहे।


पूर्वांचल में ठंड के साथ कोहरे की मार



पूर्वांचल के जिलों ने कोहरे के साथ गलन की मार झेली। कोहरे के चलते बस-रेल यातायात और विमान सेवाएं प्रभावित रहीं। ठंड से गाजीपुर में दो, वाराणसी, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, श्रावस्ती और मिर्जापुर में एक-एक की जान गई। पश्चिमी यूपी के जिलों में भी तीन लोगों की जान गई।

कानपुर : 48 साल का रिकॉर्ड टूटा
बृहस्पतिवार को कानपुर में सर्दी का 48 वर्ष का रिकॉर्ड टूटा। यहां का अधिकतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले 26 दिसंबर, 1971 को 11.2 डिग्री तापमान रहा था। जिले में सबसे ज्यादा 20 लोगों की मौत ठंड से हुई। इसके अलावा फतेहपुर में 3, बांदा, हमीरपुर, औरैया, कानपुर देहात में 2-2 लोगों की ठंड से मौत हो गई।