पांच सितारा होटल में शादी का सपना होगा पूरा, सरकार जल्द शुरू करेगी योजना

प्रदेश सरकार मध्य वर्ग को राहत देने के लिए 'पांच सितारा' सामूहिक विवाह योजना लाने जा रही है। इसमें दो लाख रुपये सालाना से अधिक वार्षिक आय वाले जोड़ों की शादी एक साथ फाइव स्टार होटल में कराई जाएगी। इसका कुछ खर्च रोटरी व लायंस क्लब जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं उठाएंगी, जबकि थोड़ा भार वर-वधू पक्ष को भी वहन करना पड़ेगा।



इसके लिए समाज कल्याण विभाग को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रस्तावित योजना के तहत समाज कल्याण विभाग और पांच सितारा होटलों के बीच अनुबंध किया जाएगा। न्यूनतम 20 जोड़ों की शादी एक साथ कराई जाएगी। वैवाहिक आयोजन में वर-वधू पक्ष से 20-20 लोग शामिल हो सकेंगे।
पांच सितारा होटलों की हॉल की क्षमता को देखते हुए शादी के अधिकतम जोड़ों की संख्या निर्धारित की जा जाएगी। हॉल की क्षमता अधिक होने पर दोनों पक्षों से शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। प्रयास रहेगा कि आयोजन के लिए पांच सितारा होटलों को ऑफ सीजन में बुक किया जाए, ताकि यह कम किराए में मिल सकें।
खर्च का कुछ हिस्सा इच्छुक स्वयंसेवी संस्थाओं से लिया जाएगा, वहीं कुल खर्च का 25-30 फीसदी हिस्सा लाभार्थी परिवारों से लिया जाएगा। इससे मध्यवर्गीय परिवारों का भी पांच सितारा होटल में शादी का सपना पूरा हो सकेगा। वहीं, यह आयोजन भव्य होने के बावजूद इन परिवारों का बजट नहीं बिगाड़ेगा।


स्वयंसेवी संस्थाओं से की गई वार्ता



समाज कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने के आग्रह के साथ बताया कि देश-दुनिया के स्तर पर कार्य करने वाली कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से शुरुआती दौर की वार्ता भी हो चुकी है, जिसमें उन्होंने स्कीम से सहमति जताई है। चालू वित्त वर्ष में ही योजना को अमली जामा पहनाए जाने की योजना है। कार्ययोजना तैयार होने के बाद उच्च स्तर पर फाइनल प्रस्तुतीकरण भी दिया जाएगा। 
मध्यवर्गीय परिवारों को मिलेगी बड़ी राहत
अभी प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित है। दो लाख रुपये तक आय सीमा वाले परिवार इस योजना के दायरे में लाए गए हैं। इसमें सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन करके जोड़ों की शादी कराई जाती है। प्रत्येक जोड़े की शादी पर सरकार 51 हजार रुपये खर्च करती है। 35 हजार रुपये बैंक खाते में, 10 हजार रुपये का सामान और 6 हजार रुपये आयोजन पर खर्च किए जाते हैं।
इस आयोजन की सफलता के बाद अब इसे मध्यवर्गीय परिवारों तक लाने की योजना बनाई गई है। अभी मध्यवर्गीय परिवारों के लिए शादी का आयोजन काफी महंगा साबित होता है। कई परिवारों का तो बजट बिगड़ जाता है और वे लंबे समय के लिए कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।




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