मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को सातवीं आर्थिक गणना का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह न केवल आंकड़े एकत्र करने के लिए है बल्कि देश-प्रदेश को आर्थिक महाशक्ति के रूप में अग्रसर करने में आधार स्तंभ का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि यूपी देश की आर्थिक महाशक्ति बनने की क्षमता रखता है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की सफलता से यह साबित हो गया है।
सीएम ने कहा कि जानकारी के अभाव में हम लोग मौजूदा समय की संभावनाओं से अनभिज्ञ रहते हैं जबकि संभावनाएं अपार हैं। उद्यमी, व्यवसायी और नौजवानों के लिए ठोस आर्थिक योजनाएं और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए इस आर्थिक गणना की बहुत अहम भूमिका होगी।
सीएम ने कहा कि जानकारी के अभाव में हम लोग मौजूदा समय की संभावनाओं से अनभिज्ञ रहते हैं जबकि संभावनाएं अपार हैं। उद्यमी, व्यवसायी और नौजवानों के लिए ठोस आर्थिक योजनाएं और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए इस आर्थिक गणना की बहुत अहम भूमिका होगी।
क्या है आर्थिक गणना
यह देश की भौगोलिक सीमाओं में कृषि उत्पादन एवं बागवानी को छोड़कर शेष उन सभी उद्यमों व इकाइयों की गणना है जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन या वितरण के काम में लगी है।
महत्व : आर्थिक विकास को स्थायी गति व दिशा देने, योजनाओं को वैज्ञानिक आधार पर बनाने, राज्य की आय के आकलन, सरकारी तथा निजी क्षेत्र के नए उद्यमियों के लिए समुचित नीति निर्धारण और विकास कार्यक्रमों में आर्थिक गणना का महत्वपूर्ण योगदान है।
1977 में पहली बार आर्थिक गणना
भारत में पहली बार 1977 में आर्थिक गणना की गई थी। इसके बाद तय हुआ कि हर पांच वर्ष में कराई जाए। लेकिन 1981, 1991, 1998, 2005 और 2012 में कराई जा सकी।
महत्व : आर्थिक विकास को स्थायी गति व दिशा देने, योजनाओं को वैज्ञानिक आधार पर बनाने, राज्य की आय के आकलन, सरकारी तथा निजी क्षेत्र के नए उद्यमियों के लिए समुचित नीति निर्धारण और विकास कार्यक्रमों में आर्थिक गणना का महत्वपूर्ण योगदान है।
1977 में पहली बार आर्थिक गणना
भारत में पहली बार 1977 में आर्थिक गणना की गई थी। इसके बाद तय हुआ कि हर पांच वर्ष में कराई जाए। लेकिन 1981, 1991, 1998, 2005 और 2012 में कराई जा सकी।