मैनपुरी के निजी अस्पताल में पैदा हुए जुड़वा बच्चों ने जन्म के कुछ समय बाद दम तोड़ दिया। बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने रुपये जमा न करने पर बच्चों को ऑक्सीजन नहीं दी। इससे उनकी मौत हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।
जनपद एटा के थाना जैथरा क्षेत्र के गांव मानिकपुर निवासी सत्यपाल रविवार की रात करीब 10:30 बजे गर्भवती पत्नी सीमा को प्रसव पीड़ा होने पर उत्तम नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। वहां सीमा ने जुड़वां बेटों को जन्म दिया। इस बीच दवाई आदि में सत्यपाल के काफी रुपये खर्च हो चुके थे।
सत्यपाल के अनुसार अस्पताल स्टाफ ने कहा कि बच्चों को ऑक्सीजन की जरूरत है। इस पर सत्यपाल ने ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा लेकिन स्टाफ ने साफ कर दिया कि पहले छह हजार रुपये जमा करो तब ही ऑक्सीजन लगाई जाएगी। उसने किसी तरह छह हजार की जुगाड़ की, लेकिन स्टाफ नौ हजार की मांग करने लगा।
जनपद एटा के थाना जैथरा क्षेत्र के गांव मानिकपुर निवासी सत्यपाल रविवार की रात करीब 10:30 बजे गर्भवती पत्नी सीमा को प्रसव पीड़ा होने पर उत्तम नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। वहां सीमा ने जुड़वां बेटों को जन्म दिया। इस बीच दवाई आदि में सत्यपाल के काफी रुपये खर्च हो चुके थे।
सत्यपाल के अनुसार अस्पताल स्टाफ ने कहा कि बच्चों को ऑक्सीजन की जरूरत है। इस पर सत्यपाल ने ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा लेकिन स्टाफ ने साफ कर दिया कि पहले छह हजार रुपये जमा करो तब ही ऑक्सीजन लगाई जाएगी। उसने किसी तरह छह हजार की जुगाड़ की, लेकिन स्टाफ नौ हजार की मांग करने लगा।
अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
रुपये न होने पर अस्पताल स्टाफ ने ऑक्सीजन देने से इनकार कर दिया। हालत बिगड़ने पर सोमवार की सुबह करीब तीन बजे बच्चों को जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। वहां उपचार तो मिला, लेकिन बेड न होने की बात कही गई।
इस बीच बच्चों को सैफई रेफर कर दिया गया। रास्ते में एक बच्चे ने दम तोड़ दिया। सैफई पहुंचने के बाद दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई। दोनों मासूमों की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। कोतवाली पुलिस ने सत्यपाल की तहरीर पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
अस्पताल प्रबंधन ने यह कहा
उत्तम नर्सिंग होम के संचालक डॉ उत्तम सिंह ने बताया कि संबंधित महिला को सात माह का प्रसव था। बच्चादानी खुली हुई थी। नार्मल स्थिति में प्रसव हुआ। कम समय के बच्चे होने के कारण उन्हें विशेष उपचार की जरूरत थी। इसके तहत उन्हें रेफर किया गया। ऑक्सीजन के बदले में पैसा मांगने का कोई मामला नहीं है। अस्पताल का बिल न देना पड़े, इस कारण झूठे आरोप लगाए गए हैं।
इस बीच बच्चों को सैफई रेफर कर दिया गया। रास्ते में एक बच्चे ने दम तोड़ दिया। सैफई पहुंचने के बाद दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई। दोनों मासूमों की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। कोतवाली पुलिस ने सत्यपाल की तहरीर पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
अस्पताल प्रबंधन ने यह कहा
उत्तम नर्सिंग होम के संचालक डॉ उत्तम सिंह ने बताया कि संबंधित महिला को सात माह का प्रसव था। बच्चादानी खुली हुई थी। नार्मल स्थिति में प्रसव हुआ। कम समय के बच्चे होने के कारण उन्हें विशेष उपचार की जरूरत थी। इसके तहत उन्हें रेफर किया गया। ऑक्सीजन के बदले में पैसा मांगने का कोई मामला नहीं है। अस्पताल का बिल न देना पड़े, इस कारण झूठे आरोप लगाए गए हैं।