यूपी: पराली जलाने के आरोप में 132 किसानों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज, दो लेखपाल निलंबित

खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर रोक लेकर एनजीटी और कोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश भर में प्रशासनिक अमला सक्रिय है। सोमवार को प्रदेशभर में 132 किसानों पर रिपोर्ट दर्ज कि गई है। इनमें रामपुर के 52, झांसी के 44, मथुरा के 11, हरदोई के छह, बलिया के 16 और मिर्जापुर के तीन किसान शामिल हैं। 



झांसी के तीन और मथुरा के 11 किसानों को तो गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वहीं मथुरा में लापरवाही के मामले में दो लेखपालों को भी निलंबित किया गया है। 

कैसे बनती है पराली? 


किसान अब धान की फसल को मजदूरों से न कटवाकर कंबाइन से कटवा रहे हैं। मशीन फसल की बाली काट लेती है। धान को साफ-सुथरा कर किसान को हाथों हाथ सौंप देती है। ऐसे में फसल का तना खेत में ही रह जाता है। 
इसे नष्ट करने के लिए किसान आग लगा देते हैं। यही आग वातावरण में जहर घोल रही है जिससे भीषण प्रदूषण हो रहा है।
गीली पराली का धुआं ज्यादा होता है। इन्हें जलाने से हवा जहरीली हो रही है और लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है। 
कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी भी पराली जलाने को सख्ती से रोकने के आदेश दे चुके हैं। फिर भी कई जगह पराली जलती पाई जा रही है। ऐसा नजर आने पर इसमें शामिल किसानों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। 
इसी क्रम में रामपुर में 52 किसानों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिनमें सर्वाधिक किसान बिलासपुर के हैं। आगे पढ़ें कहां कितने किसानों के खिलाफ दर्ज की गई रिपोर्ट-


झांसी: 17 किसानों पर एफआईआर, तीन गए जेल



सोमवार को मोंठ और सदर तहसील में पराली जलाने के आरोप में 17 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। तीन किसानों को जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।  
पराली जलाने के मामले में झांसी का नाम दस बड़े जनपदों में आया है। मोंठ एसडीएम मंजूर अहमद अंसारी ने बताया कि थाना चिरगांव में छह और मोंठ के पांच किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। 
बीस से अधिक किसानों का शांतिभंग में चालान कर दिया गया। एसडीएम का कहना है लापरवाही बरतने वाले लेखपालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। नौ किसानों से 22,500 रुपये अर्थदंड भी वसूला गया है।
वहीं, एसडीएम सदर राजकुमार ने छह किसानों के खिलाफ बड़ागांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। यहां तीन किसानों को शांतिभंग के आरोप में जेल भी भेज दिया गया। प्रशासनिक अमले की ताबड़तोड़ कार्रवाई से किसानों के बीच हड़कंप है। 

रामपुर: 52 किसानों पर रिपोर्ट दर्ज, बिलासपुर के 14 किसान शामिल


रामपुर जिले में पराली जलाने पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिले में 52 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर रिपोर्ट दर्ज की गई हैं। सबसे अधिक एफआईआर बिलासपुर क्षेत्र में 14 मुकदमे दर्ज हुए हैं।




मथुरा: 11 किसान गिरफ्तार, दो लेखपाल निलंबित



यहां पुलिस ने पराली जलाने के मामले में सोमवार को 11 किसानों को गिरफ्तार किया है। इनमें छाता के पांच, कोसीकलां और नंदगांव के एक-एक और शेरगढ़ के चार किसान शामिल हैं। वहीं, डीएम ने पराली जलाने की सूचना मिलने के बाद भी किसानों को न रोक पाने और लापरवाही बरतने पर छाता तहसील के दो लेखपालों को निलंबित कर दिया है।जिला प्रशासन को मथुरा के छाता, कोसीकलां, शेरगढ़ व चौमुहां इलाके में सेटेलाइट से पराली जलाने की लगातार सूचनाएं मिल रही हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने आठ नवंबर से 39 अफसरों की ड्यूटी लगाई है। साथ ही पराली जलाने की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही गठित टीमों ने संबंधित क्षेत्र के लेखपालों से कार्रवाई करने को कहा है।