वकीलों की पिटाई के विरोध में चक्का जाम
धूमनगंज में सोमवार को पुलिस द्वारा अधिवक्ता की पिटाई किए जाने मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार सुबह कचहरी खुलते ही घटना के विरोध में बड़ी संख्या में वकीलों ने एसएसपी ऑफिस तिराहे पर चक्काजाम कर दिया। विरोध प्रदर्शन के बाद सीओ कर्नलगंज अधिवक्ताओं से वार्ता के लिए पहुंचे। अधिवक्ताओं ने उनको अपनी लिखित मांग दी और कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच किसी सक्षम अधिकारी से कराई जाए।
वकीलों ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो अधिवक्ता बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। चक्काजाम का नेतृत्व राकेश कुमार तिवारी और राजेंद्र प्रसाद मिश्र रज्जू ने किया। इसमें सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे। गौरतलब है कि सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे धूमनगंज थाने पर दो अधिवक्ता कुछ लोगों की पैरवी करने पहुंचे थे। जिन लोगों की पैरवी की जा रही थी उनका पुलिस शांति भंग की आशंका में चलान कर चुकी थी। इस बात पर वकीलों की इंस्पेक्टर से झड़प हो गई। कुछ देर में काफी संख्या में अधिवक्ता थाने पर पहुंच गए। कई थानों की पुलिस और पीएसी तथा पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे तब मामला शांत हुआ।
मुंशी की नासमझी से बिगड़ा माहौल
धूमनगंज में एक दिन पहले वकील से मारपीट के बाद हंगामे की एक बड़ी वजह ड्यूटी पर तैनात मुंशी की नासमझी भी रही। दरअसल, पैरवी में पहुंचे अधिवक्ता बैठक होते देख सीधे कार्यालय में पहुंच गए, जहां हिरासत में लिए गए तीनों व्यक्तियों को बैठाया गया था। वहां अधिवक्ता ने बताया कि दोनों पक्ष आपस मेें समझौता करने को राजी हैं। हालांकि, यह बात इंस्पेक्टर या अन्य तक पहुंचाने की बजाय उसने वकील से नोकझोंक शुरू कर दी। बात यहीं से बिगड़नी शुरू हुई और फिर हंगामा हो गया। वैसे यह पहला मामला नहीं, जब इस मुंशी की शिकायत हुई हो। इससे पहले कुछ महीनों पहले राज्यपाल आगमन के दौरान दंपति की पिटाई के मामले में भी महिला ने मुंशी पर आरोप लगाए थे। मामले में एसपी सिटी बृजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जांच कराई जा रही है और पूरे प्रकरण से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है। उनके निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।