टांडा व जलालपुर में दोपहर बाद तक दिखा सन्नाटा
जिला मुख्यालय पर रही सामान्य चहलपहल
संवाद न्यूज एजेंसी
अंबेडकरनगर। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर टांडा व जलालपुर में एहतियातन दुकानदारों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। दोपहर तक इन दोनों क्षेत्रों में दुकानें बंद रहीं। उधर जिला मुख्यालय समेत अन्य बाजारों में सामान्य चहलपहल देखने को मिली।
अयोध्या मामले का फैसला आने का सर्वाधिक असर शनिवार को टांडा व जलालपुर के बाजारों में देखने को मिला। टांडा व जलालपुर में बाजार पूरी तरह बंद रहे। एहतियातन दुकानें नहीं खोली गईं। बंदी का आलम यह रहा कि चाय-पान तक के लिए लोग तरस गए।
जलालपुर में फैसला आने के बाद दोपहर दो बजे तक बाजार पूरी तरह बंद रहे। धीरे-धीरे दुकानों के खुलने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम होते-होते बाजारों में चहलपहल बढ़ गई।
उधर, जहांगीरगंज, राजेसुल्तानपुर, कटेहरी, भीटी, हंसवर, इल्तिफातगंज, मालीपुर व बसखारी समेत अन्य बाजारों में मिलाजुला असर देखने को मिला। वहीं जिला मुख्यालय समेत विभिन्न क्षेत्रों में सामान्य ढंग से दुकानें खुलीं और आम जनजीवन भी सामान्य दिखा।
लोगों ने बाजारों में पहुंचकर फैसले को लेकर एक-दूसरे से अपने-अपने विचार साझा किए। सभी के चेहरे पर सुकून दिख रहा था। कुछ देर तक फैसले को लेकर चर्चा के बाद ज्यादातर लोग अपने-अपने कामों में पहले की तरह ही जुट गए।
जिला मुख्यालय पर रही सामान्य चहलपहल
संवाद न्यूज एजेंसी
अंबेडकरनगर। अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर टांडा व जलालपुर में एहतियातन दुकानदारों ने प्रतिष्ठान बंद रखे। दोपहर तक इन दोनों क्षेत्रों में दुकानें बंद रहीं। उधर जिला मुख्यालय समेत अन्य बाजारों में सामान्य चहलपहल देखने को मिली।
अयोध्या मामले का फैसला आने का सर्वाधिक असर शनिवार को टांडा व जलालपुर के बाजारों में देखने को मिला। टांडा व जलालपुर में बाजार पूरी तरह बंद रहे। एहतियातन दुकानें नहीं खोली गईं। बंदी का आलम यह रहा कि चाय-पान तक के लिए लोग तरस गए।
जलालपुर में फैसला आने के बाद दोपहर दो बजे तक बाजार पूरी तरह बंद रहे। धीरे-धीरे दुकानों के खुलने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम होते-होते बाजारों में चहलपहल बढ़ गई।
उधर, जहांगीरगंज, राजेसुल्तानपुर, कटेहरी, भीटी, हंसवर, इल्तिफातगंज, मालीपुर व बसखारी समेत अन्य बाजारों में मिलाजुला असर देखने को मिला। वहीं जिला मुख्यालय समेत विभिन्न क्षेत्रों में सामान्य ढंग से दुकानें खुलीं और आम जनजीवन भी सामान्य दिखा।
लोगों ने बाजारों में पहुंचकर फैसले को लेकर एक-दूसरे से अपने-अपने विचार साझा किए। सभी के चेहरे पर सुकून दिख रहा था। कुछ देर तक फैसले को लेकर चर्चा के बाद ज्यादातर लोग अपने-अपने कामों में पहले की तरह ही जुट गए।