सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने कहा- चिदंबरम निर्दोष नहीं, जो जेल में बंद हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। चिदंबरम ने अपनी याचिका में आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी हैसुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सीलबंद कवर के तीन सेट स्वीकार करे और कोर्ट के अवलोकन के लिए उन्हें सुरक्षित रखें। 
वहीं, याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पी चिदंबरम एक निर्दोष व्यक्ति हैं जिन्हें जेल में बंद किया गया है। जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला केवल आईएनएक्स मीडिया तक की सीमित नहीं है, अन्य कंपनियां भी हैं जिन्होंने एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।
मेहता ने कहा कि 16 कंपनियां शेयरहोल्डिंग पैटर्न को लॉन्ड्रिंग और संशोधित करने में शामिल थीं। चिदंबरम से जुड़ी 12 विदेशी संपत्तियों की पहचान की गई थी। 12 विदेशी बैंक के खाते उनसे जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि 16 देशों में चिदंबरम से जुड़ी संपत्तियों की पहचान की गई है। 
मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह जेल से भी अहम गवाहों पर काफी प्रवाह डाल रहे हैं। मेहता ईडी का पक्ष रखते हुए कहा कि आर्थिक अपराधों की प्रकृति गंभीर होती है क्योंकि वे न सिर्फ अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं बल्कि व्यवस्था पर लोगों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाते हैं। 
ऐसा लग रहा है कि मानो मैं रंगा-बिल्ला हूं
वहीं बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के दौरान चिदंबरम की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि मुझे (चिदंबरम को) रिहा करने का गलत संदेश जाएगा, मानो मैं कोई रंगा-बिल्ला सरीखा अपराधी हूं। हिरासत में करीब 98 दिन बिता चुके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चिदंबरम के पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष अपनी दलीलें रखीं।