शहर में अपना घर है तो खाली करना होगा किराये का मकानः हाईकोर्ट
 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि किराएदार के पास उसी शहर में निजी मकान है तो वह किराये के मकान पर मकान मालिक की इच्छा के विरुद्ध कब्जा नहीं रख सकता है। किरायेदार इस आधार पर किराये का मकान छोड़ने से मना नहीं कर सकता है कि मकान मालिक को आवश्यकता नहीं है। मेरठ के मकान मालिक दीपक जैन व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने दिया है।
वेद प्रकाश अग्रवाल याची दीपक जैन के मकान में किराएदार थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्य किराए के मकान में बतौर वारिस रहते रहे। मकान मालिक ने यह कहते हुए मकान खाली करने का नोटिस दिया कि किराएदार के पास शहर में पांच मकान हैं। मकान मालिक को अपने मकान की आवश्यकता है। इसलिए मकान खाली कर दे।
खाली न करने पर मकान मालिक याची ने बेदखली वाद दायर किया। जज खफीफा ने याची के पक्ष में फैसला दिया। किंतु अपीलीय अदालत ने यह कहते हुए किराएदार की बेदखली को गलत माना कि मकान मालिक के मकान में 25 कमरे हैं इसलिए उसे और कमरों की जरूरत नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि अपीलीय न्यायालय ने कानून के प्रावधानों के विपरीत आदेश दिया है। इन तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया कि किराएदार के पास उसी शहर में पांच मकान हैं। इसलिए मकान मालिक को किराए के मकान को खाली कराने का अधिकार है। कोर्ट ने अपीलीय अदालत के फैसले को रद्द कर दिया है।

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