सांसद प्रज्ञा के निलंबन को लेकर सस्पेंस कायम, कांग्रेस ने की सदस्यता खत्म करने की मांग
प्रज्ञा के खिलाफ पार्टी ने दो सख्त कदम जरूर उठाए हैं, मगर जहां तक उनके खिलाफ निष्कासन या निलंबन की कार्रवाई का सवाल है तो इस पर सस्पेंस कायम है। इससे पहले भी जब पीएम मोदी ने गोडसे को देशभक्त बताने वाली टिप्पणी पर प्रज्ञा को कभी मन से माफ न करने की बात कही थी, तब भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बाद में उनके खिलाफ कार्रवाई के बदले उन्हें रक्षा संबंधी मामले की संसदीय समिति में जगह दी गई


अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर पार्टी की अनुशासन समिति से जुड़े सूत्रों ने इस मामले को सौंपे जाने से इनकार किया है। वैसे भी लोकसभा चुनाव के दौरान हुए विवाद के बाद पार्टी ने अनुशासन समिति में दो सदस्यों अविनाश राय खन्ना और ओम पाठक को सदस्य नियुक्त करने की घोषणा की। यह घोषणा 4 जून को हुई जबकि इससे संबंधित पत्र 15 मार्च का था। पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट में अभी भी विजोया चक्रवर्ती और सत्यदेव सिंह ही अनुशासन समिति के सदस्य हैं। इनमें खन्ना और पाठक का कोई जिक्र नहीं है। समिति के अध्यक्ष प्रो. गणेशी लाल पहले ही राज्यपाल बनाए जा चुके हैं। प्रज्ञा के पिछले विवाद के दौरान भी चक्रवर्ती और सत्यदेव ने इस मामले को समिति को सौंपे जाने संबंधी किसी भी तरह की सूचना से इनकार किया था।

राजनीतिक खलबली शांत करने का प्रयास


प्रज्ञा पर भाजपा की कार्रवाई को प्रज्ञा के बयान से पैदा हुई राजनीतिक खलबली को शांत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी में कट्टर हिंदुत्व की छवि रखने वाली प्रज्ञा के पूर्व में भी इसी किस्म के भड़काऊ बयानों से पार्टी मुश्किल में फंसती रही है। विपक्ष भी सरकार और विशेष रूप से पीएम मोदी पर आरोप लगाता रहा है कि प्रज्ञा पर कोई कार्रवाई न करना साबित करता है कि वे गोडसे के भयानक विचारों का परोक्ष समर्थन करते हैं।

बर्खास्त तो इंदिरा गांधी भी हो चुकीं : जदयू


भाजपा के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता केसी त्यागी ने भाजपा की प्रज्ञा ठाकुर पर कार्रवाई का स्वागत किया। लेकिन साथ ही उन्हाेंने यह मांग भी उठाई की मामले को लोकसभा की आचार समिति को भेजा जाए। कड़े स्वर में याद दिलाया कि समिति की सिफारिश पर तो इंदिरा गांधी सहित कई सदस्य बर्खास्त भी किए जा चुके हैं। प्रज्ञा के मामले में देखा जाए कि क्या ऐसे आचरण के लिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है



कांग्रेस ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे के समर्थन में दिए बयान के खिलाफ लोकसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की तैयार की है। सूत्रों के अनुसार यह प्रस्ताव गांधी के हत्यारे को देशभक्त बताने पर लाया जा रहा है, जिसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के डीएमके, राकपा, राजद, आईयूएमएल व अन्य दल सहयोग देंगे। इसमें यह भी मांग की जाएगी कि प्रज्ञा ठाकुर की सदस्यता वापस ली जाए और औपचारिक माफीनामा देने पर ही उसे वापस लिया सदन में जाए।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रज्ञा द्वारा उसे आतंकी पार्टी बुलाए जाने पर बेहद खफा है। वह उससे माफी मंगवाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस के अनुसार इस बयान से सदन की गरिमा को नुकसान हुआ है।


देरी से और थोड़ी सी हुई कार्रवाई


प्रज्ञा ठाकुर पर की गई कार्रवाई को कांग्रेस ने नाकाफी बताते हुए कहा कि इसे काफी देरी से किया गया। साथ ही उसने भाजपा से मांग की है कि कांग्रेस को पार्टी से निकाला जाए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा का टिकट देकर सांसद बनवाया, उन्हाेंने ने प्रज्ञा को रक्षा पैनल में सदस्य बनवाया। अब भाजपा उसे कब निकालेगी? देश भाजपा को माफ नहीं करेगा।

वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी प्रज्ञा ठाकुर की संसद सदस्यता तत्काल खत्म करने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि प्रज्ञा ने अपने टिप्पणी से भारत और महात्मा गांधी का अपमान किया है। एक व्यक्ति जो संविधान की शपथ लेने के बाद गोडसे की प्रशंसा करता है, वह सांसद बने रहने के योग्य नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। उन्हाेंने शनिवार को प्रदेश भाजपा सांसदों के घेराव की चेतावनी भी दी। इसके लिए केंद्र से मध्यप्रदेश के फंड न जारी करने को बताया।


पहले भी दिए बयान, मांगी माफी, पीएम मोदी ने कहा था पूरी तरह से माफ नहीं कर सकूंगा


प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गोडसे को देशभक्त बताते हुए राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया था। बाद में माफी मांगी थी। भाजपा ने खुद को उस बयान से अलग खड़ा कर लिया था। पीएम मोदी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि गांधीजी और गोडसे पर प्रज्ञा का बयान समाज के लिए बहुत गलत था। उसने माफी मांगी है, लेकिन वे उसे पूरी तरह से माफ नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा प्रज्ञा ने मुंबई हमलों में शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे के लिए अशोभनीय टिप्पणी की थी। अरुण जेटली व सुषमा स्वराज जैसे भाजपा के प्रमुख नेताओं की मौत की वजह विपक्ष द्वारा काला जादू करने को बताया था।


गोडसे ने 'भूल' की थी, वो आतंकी नहीं : भाजपा विधायक


बलिया की बैरिया सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गोडसे कोई आतंकी नहीं था। आतंकी देश विरोधी काम करने वाले होते हैं। सिंह ने कहा कि गोडसे ने भूल की थी, उसे गांधीजी की हत्या नहीं करनी चाहिए थी। वे बोले की जिस तरह पाकिस्तान को आजादी के बाद मुस्लिम राष्ट्र बनाया गया, भारत को भी हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए था। गोडसे भी यही चाहता था, लेकिन गांधीजी की जिद की वजह से उसने गुस्से में आकर उनकी हत्या कर दी।