प्रदेश भर के अस्पतालों में खुले लगभग 120 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की किल्लत होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। केंद्रों पर 900 दवाएं उपलब्ध होने के दावे के बावजूद यहां आधे से ज्यादा दवाओं की आपूर्ति ठप है। इससे परेशान होकर केंद्रों संचालकों ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था।
प्रदेश में 150 से अधिक जिला महिला-पुरुष अस्पताल, संयुक्त चिकित्सालयों, सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा संस्थानों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगभग 1000 छोटे-बड़े जेनेरिक मेडिसिन स्टोर खोलने की योजना थी, लेकिन इनमें से मात्र
120 स्थानों पर जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। वर्तमान में दवाएं उपलब्ध न होने के कारण कई केंद्र बंद होने के कगार पर हैं।
अस्पतालों के अलावा 700 केंद्र निजी क्षेत्र में आवंटित किए गए हैं, लेकिन जेनेरिक दवाओं पर मुनाफा बहुत कम होने से दुकान का किराया, स्टाफ, कंप्यूटर और बिजली का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। पूरी दवाएं न होने से मरीज लौट रहे हैं। स्टेट नोडल ऑफिसर, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र डॉ. बीके श्रीवास्तव का कहना है कि ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर यूनिट ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) को दवाओं की आपूर्ति ठीक करने के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
120 स्थानों पर जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। वर्तमान में दवाएं उपलब्ध न होने के कारण कई केंद्र बंद होने के कगार पर हैं।
अस्पतालों के अलावा 700 केंद्र निजी क्षेत्र में आवंटित किए गए हैं, लेकिन जेनेरिक दवाओं पर मुनाफा बहुत कम होने से दुकान का किराया, स्टाफ, कंप्यूटर और बिजली का खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है। पूरी दवाएं न होने से मरीज लौट रहे हैं। स्टेट नोडल ऑफिसर, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र डॉ. बीके श्रीवास्तव का कहना है कि ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर यूनिट ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) को दवाओं की आपूर्ति ठीक करने के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
पांच कलस्टर में बांटकर खोले गए केंद्र
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र शुरू करने के लिए ब्रेन पावर एचआर प्रालि., महाराजा विजय सोसाइटी, सिलिकॉन हेल्थ केयर, गणपति मेडिकल स्टोर और गुंजन इंटरप्राइजेज का चयन किया गया था। ब्रेन पावर को चार मंडल, महाराजा को पांच, सिलिकॉन को तीन, गणपति को दो और गुंजन को तीन मंडलों के अस्पतालों से लेकर सीएचसी तक स्टोर खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन दवाएं न मिलने से स्टोर घाटे में चल रहे हैं।