पूंछ में आग लगने से क्रोधित हुए हनुमान ने फूंक दी लंका


बरेली। संजय कम्युनिटी हाल में पंडित राधेश्याम कथावाचक की जयंती पर आयोजित राधेश्याम कथावाचक स्मृति समारोह में गुरुवार को 'लंका दहन' का मंचन हुआ। रत्नाकर आर्ट प्रोडक्शन के कलाकारों की सजीव प्रस्तुतियों ने दर्शकों को बांधे रखा। मंचन की शुरुआत श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता से होती है।
दर्शाया कि सुग्रीव के कष्ट दूर करने के लिए श्रीराम बाली से युद्ध कर वध कर देते हैं फिर आगे के प्रसंग में हनुमान को लंका भेजने का मंचन होता है। लंका में हनुमान जी को विभीषण अशोक वाटिका का पता बताते हैं। जहां हनुमान जी की भेंट माता सीता से होती है। भूख लगने पर वाटिका के फलों को खाने के दौरान वह उसे उजाड़ देते है। जिसकी जानकारी पर रावण के पुत्र अक्षय ने रोका तो उसका वध कर दिया। इसके बाद मेघनाथ ने हनुमान को बंदी बनाकर रावण के सामने ले गया। जहां रावण हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है। पूंछ में आग लगने पर क्रोधित हनुमान लंका का दहन कर देते है। नाटक का निर्देशन राकेश रत्नाकर ने किया। कार्यक्रम का संचालन डीएन शर्मा ने किया। इस दौरान अध्यक्ष घनश्याम शर्मा, सचिव कुलभूषण शर्मा, आरती गुप्ता, गौरव वर्मा, आशीष गुप्ता, दिनेश्वर दयाल सक्सेना, दानिश जमाल व अन्य मौजूद रहे।