पीएफ घोटाला : बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार, उपद्रवियों पर लगेगा रासुका
यूपी पावर कॉर्पोरेशन में पीएफ घोटाले में दोषी आईएएस अफसरों पर कार्रवाई को लेकर बिजलीकर्मियों ने सोमवार से पूरे प्रदेश में 48 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इसे लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई। कार्य बहिष्कार के दौरान उपद्रव व तोड़फोड़ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।


प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार निधि के भुगतान की गारंटी लेकर अधिसूचना जारी करें और जिम्मेदार आईएएस अफसरों पर कार्रवाई करे। पीएफ घोटाले के विरोध में पहले दिन करीब 45 हजार अभियंताओं एवं कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। लखनऊ में लेसा व मध्यांचल सहित सभी दफ्तरों के बिजली कर्मचारी व अभियंता काम छोड़कर शक्ति भवन मुख्यालय पर जुट गए।
परियोजनाओं के मुख्य गेट पर सभाएं कर नारेबाजी की। इससे लखनऊ से लेकर प्रदेश भर में राजस्व वसूली का कार्य बाधित हो गया। हालांकि संविदा कर्मचारियों ने बिजली की निर्बाध सप्लाई की जिम्मेदारी संभाल ली है।


सीएम नाराज, शीर्ष अफसरों के साथ बैठक, कड़ी कार्रवाई के निर्देश




एपी मिश्रा के सिंडिकेट पर कड़ाई करें
मुख्यमंत्री ने कॉर्पोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्रा के सिंडिकेट पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि मिश्रा से जुड़े लोगों के साथ कड़ाई बरती जाए। उन्होंने कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के  निर्देश दिए हैं।
20 को आर-पार की लड़ाई का एलान करेंगे आंदोलनकर्मी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार खत्म होने के बाद 20 नवंबर को समिति पदाधिकारियों एवं अन्य संगठनों की एक बैठक बुलाई गई है। इसमें आर-पार की लड़ाई का एलान किया जाएगा।