पाकिस्तान: मुख्य न्यायाधीश खोसा ने की तल्ख टिप्पणी, बोले- वो हमें भारत का एजेंट कहते हैं..
पाकिस्तान में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) आसिफ सईद खान खोसा ने गुरुवार को सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल विस्तार के मामले की सुनवाई के दौरान काफी तल्ख टिप्पणी की।


उन्होंने कहा कि अगर हम कानूनी या संवैधानिक बारीकियों की बात करते हैं तो हमें भारत या सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) का एजेंट कहा जाता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बाजवा को छह माह का सेवा विस्तार दिया है।
आर्मी चीफ को तलब किया
सेना प्रमुख के कार्यकाल विस्तार के मामले में मंगलवार से लेकर गुरुवार तक लगातार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार को कई मौकों पर शर्मसार भी होना पड़ा। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सरकार से कई अहम दस्तावेज और पुराने रिकॉर्ड तलब किए।
हालांकि अटॉर्नी जनरल इसके लिए तैयार नहीं थे। इस पर पीठ ने तीखे सवाल किए तो वो असहज नजर आए। पीठ ने सीधे तौर पर पाकिस्तान की सरकार की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। इस सबके चलते बाजवा को बमुश्किल छह महीने का सेवा विस्तार मिल पाया।
बता दें कि पाकिस्तान की सरकार उनका कार्यकाल तीन साल बढ़ाना चाहती थी। इसके साथ ही आर्मी चीफ को भी सुप्रीम कोर्ट तलब किया गया। हालांकि, उनकी जगह वकील पेश हुए। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री इमरान और चीफ जस्टिस खोसा के बीच कई बार तीखी बयानबाजी भी हो चुकी है। 


तीनों जज सीआईए या भारत के एजेंट



मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश खोसा ने एक तरह से सरकार और खासकर प्रधानमंत्री इमरान खान के न्यायपालिका की आलोचना करने को लेकर तंज किया। अपना फैसला पढ़ने से पहले खोसा ने कहा कि हम जब भी संवैधानिक या कानूनी बारीकियों में जाते हैं, तो कहा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंट हैं।
जजों को भारत का एजेंट या जासूस तक करार दिया जाता है। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश खोसा ने अटॉर्नी जनरल मंसूर को फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी गैरजिम्मेदारी की वजह से सेना प्रमुख को यह सब झेलना पड़ा।
वो इन छोटे-छोटे मामलों को देखेंगे या सरहद पर देश की सुरक्षा करेंगे? आखिर सरकार हमें दोषी क्यों ठहराना चाहती है, क्या हम आपकी गलतियों को नहीं पकड़ेंगे। खोसा ने यह टिप्पणी अटॉर्नी जनरल के उस तर्क के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना प्रमुख के कार्यकाल के विस्तार को लेकर उठे विवाद का फायदा भारत उठा सकता है।