मिलादुन्नवी पर बिखरे सौहार्द के रंग
बरेली। अयोध्या विवाद पर आए फैसले को लेकर सभी आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। बरेली जोन में समाज के सभी वर्गों ने एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। शनिवार और रविवार को ईद मिलादुन्नवी पर निकलने वाले जुलूस को लेकर पुलिस ने तगड़े बंदोबस्त कर रखे थे। लेकिन जिस तरह हिंदू और मुस्लिम भाइयों ने मिलकर आयोजन को शांति पूर्ण ढंग से आयोजित किया, उसने समाज में आपसी सौहार्द को और मजबूत कर दिया।
गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवाद की आशंका में पुलिस प्रशासन ने पिछले दो तीन दिनों से तगड़े सुरक्षा बंदोबस्त कर रखे थे। लेकिन आम जनमानस की सूझबूझ और ईद मिलादुन्नवी के वक्त सभी वर्गों के आगे आकर इस त्योहार को गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल के तौर पर पेश करने के बाद स्थिति पूरी तरह शांत नजर आई। शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में ईद मिलादुन्नवी के जुलूस निकाले गए। इस दौरान मुस्लिम भाइयों के साथ हिंदू भाइयों ने भी इस जुलूस का स्वागत किया और इसमें शिरकत की। बरेली जोन के नौ जिलों में कुल 1114 जुलूस निकाले गए। इनमें बरेली में सबसे अधिक 450 जुलूस निकाले गए। सबसे कम जुलूस बिजनौर में निकाले गए। यहां कुल 14 जुलूस निकले। इनके अलावा बदायूं में 95, पीलीभीत में 60, शाहजहांपुर में 67, मुरादाबाद में 136, रामपुर में 169, अमरोहा में 66 और संभल में 57 जुलूस निकाले गए जो शांतिपूर्ण ढंग से निकले।
'बरेली जोन के सभी नौ जिलों में समाज के हर वर्ग ने परिपक्वता का परिचय दिया। ईद मिलादुन्नवी का जुलूस भी सौहार्द के बीच निकाला गया। सभी वर्ग इसमें शामिल हुए। एक संवेदनशील माहौल के बीच समाज की इस सूझबूझ के लिए मैं सभी को बधाई देता हूं।'