महाराष्ट्र में सत्ता के गठन से पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी ने बृहस्पतिवार को अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित किया। इसमें किसान, मजदूर, व्यापारी वर्ग समेत शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और गरीबी जैसे मुद्दों को केंद्र में रखते हुए राज्य के विकास की बात कही गई है। स्थानीय लोगों को राज्य में 80 फीसदी नौकरियां दिए जाने का वादा किया गया है। साथ ही सरकारी नौकरियों में खाली पड़े पदों को भी जल्द भरने की बात कही गई है।
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, कांग्रेस के बाला साहेब थोरात और एनसीपी के जयंत पाटिल तथा नवाब मलिक ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी किया। महाविकास आघाड़ी के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को मुख्य रूप से किसान, बेरोजगारी, महिला, शिक्षा, शहर विकास, स्वास्थ्य, उद्योग, सामाजिक न्याय, पर्यटन-कला-संस्कृति पर केंद्रित किया गया है।
इसमें शिवसेना के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को प्रमुखता से शामिल किया गया है। शिवसेना ने एक रुपये में डॉक्टरी जांच, झुग्गी पुनर्विकास में गरीबों को 500 वर्ग मीटर जमीन, सूखा पीड़ित किसानों की कर्जमाफी और पूरे राज्य में 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने वाले केंद्रों की स्थापना का वादा किया गया था। ये सभी मुद्दे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल हैं।
इसमें शिवसेना के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को प्रमुखता से शामिल किया गया है। शिवसेना ने एक रुपये में डॉक्टरी जांच, झुग्गी पुनर्विकास में गरीबों को 500 वर्ग मीटर जमीन, सूखा पीड़ित किसानों की कर्जमाफी और पूरे राज्य में 10 रुपये में भरपेट भोजन कराने वाले केंद्रों की स्थापना का वादा किया गया था। ये सभी मुद्दे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल हैं।