महाराष्ट्र पर संसद में विपक्ष का हंगामा, सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की

महाराष्ट्र में महाभारत का असर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में देखने को मिला। दोनों सदनों में फडणवीस सरकार के गठन को लेकर भारी हंगामा हुआ। शोर शराबे के कारण राज्यसभा सी कार्रवाई कुछ समय के लिए स्थगित भी कर दी गई। राहुल गांधी ने संसद में सवाल पूछने से भी इनकार कर दिया। लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।



सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए। इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था जिस पर 'स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी' लिखा था।


नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा।
इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है।' इसी बीच स्पीकर बिड़ला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। हालांकि इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों तथा मार्शलों के बीच धक्कामुक्की हो गई। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।लोकसभा में पेश होगा एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक
सरकार सोमवार को लोकसभा में विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश करेगी जिसमें किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। कैबिनेट पहले ही एसपीजी कानून में संशोधन विधेयक को हरी झंडी दे चुकी है।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि सोमवार को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है।
प्रस्तावित विधेयक में पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। सूत्रों के अनुसार, एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
ये विधेयक भी होंगे पेश
लोकसभा में इसके अलावा ई सिगरेट पर प्रतिबंध विधेयक, दमन व दीव और दादरा एवं नगर हवेली का विलय एक केंद्र शासित प्रदेश में करने, दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के लोगों के सम्पत्ति संबंधी अधिकार विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश किए जाएंगे।
संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक सेंट्रल हाल में बुलाई जायेगी । इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करेंगे

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