लखनऊः इन दस सड़कों पर होते हैं सबसे ज्यादा हादसे, कमता से मटियारी चौराहे का रास्ता सबसे खतरनाक

लखनऊ में जानलेवा हादसों के चलते शहरी सीमा से जुड़ाव रखने वाले दस सड़क मार्गों को डेंजर जोन चिह्नित किया गया है। प्रमुख राजमार्ग से जुड़ी इन सड़कों पर यातायात संचालन जोखिम भरा माना गया है। इसमें पहले स्थान पर चिनहट इलाके में राजमार्ग 25 के कमता चौराहे से मटियारी चौराहे के बीच का सड़क मार्ग है।





बीते तीन साल के औसत के आधार पर इस मार्ग पर सबसे ज्यादा 81 सड़क दुर्घटनाओं में 47 लोगों की मौत हुई है। दुर्घटना बाहुल्य सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए पूर्व मंडलायुक्त एके गर्ग के निर्देश पर गठित छह विभागों की संयुक्त कमेटी की प्राथमिक रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं। टीम जल्द रिपोर्ट पूरी कर क्रियान्वयन के लिए मंडलायुक्त कार्यालय को सौंपेगी।   
जिला प्रशासन, यातायात व सिविल पुलिस, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व नगर निगम के स्तर पर गठित कमेटी बीते तीन सालों में जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से मौत या शारीरिक अपंगता का शिकार बनने की घटनाओं को रोकने के संबंध में अहम सुझाव भी रिपोर्ट में शामिल करेगी।


बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण


खराब टूटी सड़कें, गलत संकेत लगना, यातायात संकेतों के बारे में जागरूकता न होना, प्रमुख राजमार्गों व सड़क पैदल पार करना, ड्राइवर की असावधानी, तेज व अनियंत्रित गति, यातायात नियमों का जानबूझकर उल्लंघन, उल्टी दिशा में वाहन चलाना, ट्रैफिक व सिविल पुलिस की शिथिलता, नशे में ड्राइविंग, मार्ग प्रकाश व्यवस्था न होना।
सुरक्षित यातायात के लिए सुझाव
- दोपहिया व भारी वाहन के ड्राइविंग लाइसेंस की आयुसीमा 18 से 21 वर्ष की जाए।
- तेज रफ्तार वाहन चालक पर लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई हो।
- बाइक से स्टंट करने वालों पर मौके पर जुर्माना, वाहन जब्त किया जाए।
- प्रमुख व व्यस्त राजमार्गों पर रोड इंजीनियरिंग का प्रयोग जरूरी।
- पैदल यात्रियों के लिए ट्रैफिक सिग्नल लाइट हो।
- सड़क संकेतकों व चेतावनियों का समुचित प्रयोग किया जाए।
- बड़े होर्डिंग्स व बोर्ड मोड़ पर न लगाएं, जो लगे हैं तत्काल हटाएं।
- ब्रेकर पर फ्लोरोसेंट पेंट अनिवार्य तौर पर लगाया जाए।
- दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर अलग से बोर्ड लगाकर चेतावनी अलर्ट संकेतक हो।
- लाल, नीली बत्ती, प्रेशर हार्न, हूटर, सायरन व अवैध नंबर प्लेट रोकने को सख्ती हो।
- स्कूलों में बच्चों को अनिवार्य तौर पर ट्रैफिक नियम का पाठ पढ़ा जागरूक बनाया जाए।
- वाहन चालकों के उत्पीड़न व अवैध वसूली की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई हो।
-. भीड़ वाले रास्तों पर नो इंट्री का सख्ती से पालन कर भारी वाहनों को रोका जाए।