लखनऊ के 119 केंद्रों पर होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, दागी कॉलेजों को भी बनाया केंद्र
लखनऊ में 119 परीक्षा केंद्रों पर हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षाएं हाेंगी। रविवार को यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी कर दी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने इसे सार्वजनिक करते हुए स्कूलों के प्रतिनिधियों से 13 नवंबर तक आपत्तियां मंगाई हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद परीक्षा केंद्रों की सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।


इस बार बोर्ड परीक्षा के लिए राजधानी से 1,01,396 छात्रों ने आवेदन किया है, जिसमें से 2,171 छात्र व्यक्तिगत हैं। इनके लिए बोर्ड ने 119 परीक्षा केंद्रों की सूची जारी की है। गत वर्ष बोर्ड परीक्षा के लिए 1,00,489 छात्रों ने पंजीकरण कराया था। इनके लिए बोर्ड ने 144 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए थे।
बाद में जिला विद्यालय निरीक्षक ने परीक्षा केंद्रों की समीक्षा और आपत्तियों का निस्तारण कर 113 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए थे। डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि आपत्तियों के निस्तारण के बाद जिलाधिकारी के अनुमोदन के पश्चात परीक्षा केंद्रों को अंतिम रूप दिया जाएगा।


शिक्षकों ने उठाए प्रक्रिया पर सवाल


परीक्षा केंद्रों की सूची में कई ऐसे स्कूलों को शामिल किया गया है, जिनका हमेशा विवादों से नाता रहा है। नेशनल इंटर कॉलेज को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा इसे डिबार करने की संस्तुति की गई थी। कॉलेज को यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए मूल्यांकन केंद्र भी नहीं बनाया गया।
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने यहां छापा मारकर नौ सॉल्वरों का गैंग पकड़ा था। इसके अलावा एस पब्लिक इंटर कॉलेज कुराखर माल, श्री महेश सिंह सरस्वती इंटर कॉलेज लतीफपुर माल, नन्हें सिंह स्मारक इंटर कॉलेज, चंद्रशेखर आजाद गहदों, कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है। बोर्ड परीक्षा के दौरान गड़बड़ियों को अंजाम देने और छात्रों के पंजीकरण में गड़बड़ियों के कारण ये कॉलेज चर्चा में रहे हैं।
इस बार कई ऐसे स्कूलों को भी केंद्र बना दिया गया है, जिनका नाम कम ही लोग जानते हैं। इस फैसले पर शिक्षकों ने हैरानी जताई है। हालांकि डीआईओएस ने बताया कि अभी परीक्षा केंद्रों की समीक्षा की जाएगी, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों की सूची में ज्यादा से ज्यादा निजी व वित्तविहीन स्कूलों को शामिल किए जाने पर शिक्षकों ने निर्धारण प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। जबकि केंद्र निर्धारण नियमों के अनुसार पहले राजकीय, सहायता प्राप्त और बाद में निजी व वित्तविहीन स्कूलों को प्राथमिकता दिया जाना है।



अभी बदलेंगे कई केंद्र


परीक्षा केंद्रों में हेरफेर किए जाने की संभावना है। डीआईओएस ने बताया कि अभी आपत्तियों का इंतजार है। सभी परीक्षा केंद्रों की समीक्षा कराई जाएगी। जो बड़े राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालय छूट गए हैं, उनको शामिल किया जाएगा। कई निजी व वित्तविहीन स्कूलों को सूची से हटाया जाएगा। जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद अंतिम सूची को बोर्ड को भेज दिया जाएगा।