प्रदेश में अब तक समाने आ चुके 900 करोड़ के अधिक के खनन घोटाले में सीबीआई के रडार पर एक और आईएएस अफसर आ गए हैं। वह हमीरपुर में 2009 से 2012 के दौरान जिलाधिकारी थे। उनके कार्यकाल में खनन के पट्टों के आवंटन में अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं।
पिछले कुछ दिनों से हमीरपुर में डेरा डाले बैठी जांच एजेंसी ने खनन से संबंधित 2012 के दस्तावेज हमीरपुर के डीएम से तलब किए हैं। गौरतलब है कि इस दौरान 2005 बैच के आईएएस अफसर हमीरपुर के डीएम थे और मौजूदा समय अंतर्राज्यीय प्रतिनियुक्ति पर दूसरे राज्य में तैनात हैं।
सीबीआई ने इस मामले में बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में खनन घोटाले के आरोपी सपा एमएलसी रमेश मिश्र व उनके बड़े भाई दिनेश मिश्र से करीब तीन घंटे पूछताछ की। एमएलसी के मुनीम रहे जयकरन साहू का भी बयान दर्ज किया।
साथ ही खनिज विभाग के दफ्तर में छानबीन के बाद सीबीआई ने डीएम व एडीएम से मुलाकात कर वर्ष 2012 में हुए मौरंग के पट्टों के दस्तावेज मांगे। सूत्रों की माने तो इसी कड़ी में सीबीआई ने उक्त आईएएस अफसर के विषय में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।
सीबीआई ने इस मामले में बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में खनन घोटाले के आरोपी सपा एमएलसी रमेश मिश्र व उनके बड़े भाई दिनेश मिश्र से करीब तीन घंटे पूछताछ की। एमएलसी के मुनीम रहे जयकरन साहू का भी बयान दर्ज किया।
साथ ही खनिज विभाग के दफ्तर में छानबीन के बाद सीबीआई ने डीएम व एडीएम से मुलाकात कर वर्ष 2012 में हुए मौरंग के पट्टों के दस्तावेज मांगे। सूत्रों की माने तो इसी कड़ी में सीबीआई ने उक्त आईएएस अफसर के विषय में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।