केवल कलम में ताकत है सत्ता से टकराने की
सर पीसी बनर्जी हॉस्टल में मंगलवार को हुई कवि गोष्ठी में देशकाल, परिस्थितियों पर आधारित कविताएं पढ़ी गईं।
कवि नरेश कुमार गौड़ की स्मृति में यह काव्य गोष्ठी साहित्यिक संस्था संचेतना की ओर से आयोजित की गई थी।
शुरुआत रोहित गौड़ ने कवि नरेश से जुड़े संस्मरणों से की। इनके बाद डॉ सुनील विक्रम सिंह और उमेश श्रीवास्तव ने उनकी स्मृतियों को साझा किया। बताया कि 1975 में कवि नरेश गौड़ ने पटना विश्वविद्यालय में कामायनी पर पांच घंटे तक व्याख्यान दिया था। कवि गोष्ठी का आरंभ सौरभ त्रिपाठी की पंक्तियों से हुआ। उन्होंने पढ़ा कि- केवल कम में ताकत है सत्ता से टकराने की...। सौरभ मिश्र ने शृंगार पर आधारित कविता पढ़ी। अखिलेश पांडेय, शाहीन खुशबू, केपी गिरि, उमेश श्रीवास्तव, नंदिता एकांकी, वंदना शुक्ल, पाल प्रयागी, उर्वशी उपाध्याय, शिव नारायण सिंह, अभिषेक केसरवानी, ईश्वर शरण शुक्ल, प्रत्यूष रौनक, कविता उपाध्याय, देवेश शर्मा, शिवनारायण सिंह, अभिषेक केसरवानी ने भी कविताएं पढ़ीं। अध्यक्षता मुकुल मतवाला ने की। धन्यवाद ज्ञापन श्रीकृष्ण यादव ने किया।