भारतीय क्रिकेट में तेजी से बदलाव आ रहा है। पहले देश के युवा क्रिकेटर गावस्कर, सचिन और धोनी को अपना आदर्श मानते थे, लेकिन अब बुमराह और शमी जैसे तेज गेंदबाज युवाओं के नए रोल मॉडल बनकर उभर रहे हैं।' यह कहना है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व जूनियर क्रिकेटरों को संवारने का जिम्मा संभाल रहे महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ का, जो भारत और अफगानिस्तान की अंडर-19 टीमों के बीच चल रही क्रिकेट सीरीज देखने लखनऊ आए हुए हैं।
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि इशांत शर्मा, उमेश यादव और भुवश्नेश्वर कुमार भी इसी एलीट श्रेणी के गेंदबाज है, जो भारतीय क्रिकेट के नए हीरो बनकर उभरे है। हमारे समय में भी श्रीनाथ और जहीर खान जैसे वर्ल्ड क्लास गेंदबाज थे, लेकिन आज के वक्त में भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की कतार है।
युवा खिलाड़ियों की बात करें तो पिछले जूनियर वर्ल्ड कप में कमलेश नागरकोटि और शिवम मावी ने अपनी तेजी से प्रतिद्वंद्वी टीमों को खासा परेशान किया। द्रविड़ कहते हैं कि मेरा काम युवा खिलाड़ियों को तैयार करके उन्हें प्रथम श्रेणी का स्तरीय क्रिकेटर बनाना है। इसलिए नेशनल क्रिकेट अकादमी के साथ जुड़कर अपना काम कर रहा हूं। मैं अभी तक अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हूं।
युवा खिलाड़ियों की बात करें तो पिछले जूनियर वर्ल्ड कप में कमलेश नागरकोटि और शिवम मावी ने अपनी तेजी से प्रतिद्वंद्वी टीमों को खासा परेशान किया। द्रविड़ कहते हैं कि मेरा काम युवा खिलाड़ियों को तैयार करके उन्हें प्रथम श्रेणी का स्तरीय क्रिकेटर बनाना है। इसलिए नेशनल क्रिकेट अकादमी के साथ जुड़कर अपना काम कर रहा हूं। मैं अभी तक अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हूं।
'आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन करने पर बढ़ जाती हैं टीम इंडिया की तरफ से खेलने की संभावनाएं'
आईपीएल के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में आईपीएल जैसे बड़े प्लेटफार्म का काफी महत्व है, लेकिन मेरे विचार से आईपीएल में फ्रेंचाइजी टीमों को विदेशी कोच की बजाए अधिक संख्या में देसी कोच नियुक्त करने चाहिए, जो कि घरेलू क्रिकेट खेल रहे युवा खिलाड़ियों की क्षमताओं को बेहतर ढंग से जानते हैं। उन्होंन कहा कि आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के टीम इंडिया की तरफ से खेलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।