जबरन धर्मांतरण रोकने को नया कानून लाने की सिफारिश, राज्य विधि आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपा मसौदा
राज्य विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए नया कानून लाने की सिफारिश की है। इसके लिए आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट के साथ प्रस्तावित कानून का मसौदा (ड्राफ्ट) भी भेजा है। आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने कहा कि यह रिपोर्ट भारत व निकटवर्ती देशों जैसे नेपाल, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका व पाकिस्तान में आजादी से पहले और बाद के कानूनों का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है। 
आयोग ने पाया है कि मौजूदा कानून जबरन धर्मांतरण के मामलों को प्रभावी तरीके से रोकने में सक्षम नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गंभीर मामले में दस अन्य राज्यों की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी नए कानून की आवश्यकता है। 
लगभग 268 पन्नों की इस रिपोर्ट में जबरन धर्मांतरण से जुड़े समाचारों की प्रतियां, धार्मिक अधिकार को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई चर्चाओं और निकटवर्ती देशों में धर्मांतरण विरोधी कानूनों का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट में सर्वोच्च व उच्च न्यायालयों में समान मुद्दे पर हुई सुनवाई व अदालतों के फैसलों का हवाला भी दिया गया है।
 रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे मध्य प्रदेश, उड़ीसा, अरुणांचल प्रदेश तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में जबरन, धोखे से, विवाह के जरिए या फुसला कर धर्मांतरण किए जाने के मामलों को रोकने के लिए विशेष कानून लाया गया है वैसे ही इसे उत्तर प्रदेश में भी इसे लाए जाने की आवश्यकता है।