गांधी परिवार की सुरक्षा पर संसद में संग्राम, नड्डा बोले- खतरे का आकलन कर लिया गया फैसला

गृह मंत्रालय की ओर वीवीआईपी सुरक्षा में कटौती किए जाने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को बिना एसपीजी सुरक्षा के संसद पहुंचीं। राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि नेताओं की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि खतरों को देखते हुए चारों नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और उसे दलगत भावना से उठकर काम करना



मालूम हो कि गृह मंत्रालय द्वारा समीक्षा के बाद गांधी परिवार की सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा से भी एसपीजी कवर हटा लिया गया है। इन नेताओं को सीआरपीएफ की जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है। 
सीआरपीएफ के अनुसार, गांधी परिवार को एडवांस सिक्यॉरिटी लायजन (एएसएल) प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा दी गई है। सीआरपीएफ इसके लिए नई बटालियन बनाएगी। 


लोकसभा में भी उठाया था मुद्दा, कांग्रेस ने किया था 



गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के विरोध में कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को लोकसभा में भी हंगामा किया था। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए थे, जिसके बाद डीएमके के सदस्यों ने भी कांग्रेस का समर्थन किया था। कांग्रेस और डीएमके के सदस्यों ने 'बदले की राजनीति बंद करो', 'एसपीजी के साथ राजनीति करना बंद करो' और 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाए थे।