एसआईटी टीम की जांच शुरू, एडीजी इंटेलीजेंस, आईजी एसटीएफ और वरिष्ठ आईएएस शामिल
 


मेरठ । 20 अगस्त को मेरठ में पकड़े गए 2.20 लाख लीटर मिलावटी तेल/केमिकल के मामले में एसआईटी के अधिकारियों के पहुंचते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। गृहमंत्रालय के निर्देश पर शासन ने उच्चस्तरीय अधिकारियों की स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) गठित की है।
एसआईटी में एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिरोडकर, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी खाद्य एवं रसद आयुक्त मनीष चौहान शामिल हैं। कई बिंदुओं पर जानकारी लेते हुए एडीजी इंटेलीजेंस बिजनौर में जांच के लिए चले गए। एसआईटी के अधिकारी मंगलवार से जांच शुरू करेंगे।



सोमवार को सुबह से लेकर रात तक अफसरों में अफरातफरी मची रही। क्योंकि एसआईटी तेल प्रकरण में गवाहों से भी बात करेगी। वहीं अफसरों द्वारा की कार्रवाई और तेल प्रकरण की भूमिका पर अलग अलग बिदुओं पर जांच करेगी। आज छापा मारने वाले पुलिस कर्मचारी/अधिकारियों के बयान दर्ज करेंगे। वहीं आपूर्ति विभाग के अधिकारी और अन्य अफसरों से जानकारी की जाएगी।
इसके बाद एसआईटी के अधिकारी मुकदमे में शामिल कारोबारी और अन्य व्यक्तियों से भी बात कर सकते हैं। पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए दोनों मुकदमों व विवेचना के विवरण की भी जांच होगी। सैंपल रिपोर्ट का भी अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद टीम के अधिकारी जिस स्थान पर 20 अगस्त को छापा मारा गया था वहां मौके पर भी जा सकते हैं। 





यह है मामला
आईजी रेंज आलोक सिंह के निर्देश पर एसपी देहात अविनाश पांडेय ने क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल, आशुतोष कुमार के साथ 20 अगस्त को परतापुर थाना क्षेत्र के औद्योगिक एरिया में स्थित गणपति पेट्रो और पारस केमिकल फैक्टरी पर छापा मारकर केमिकल कारोबारी समेत दस व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस अधिकारियों ने जारी प्रेस नोट में दावा किया था कि पारस केमिकल फैक्टरी में भूमिगत टैंकों में करीब 2.20 लाख लीटर नकली तेल/केमिकल है। मेरठ में मिलावटी तेल के प्रकरण का खुलासा होने पर लखनऊ तक हड़कंप मचा था।
टीपीनगर व परतापुर थाना प्रभारी के अलावा जिला आपूर्ति अधिकारी और दो एआरओ पर गाज गिरी थी। इस प्रकरण में फोरेंसिक लैब निवाड़ी गाजियाबाद और आईआईटी रुड़की से सैंपल रिपोर्ट आ चुकी है। आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन अभी तक भूमिगत टैंकों की खोदाई तक नहीं हो सकी।
इस मामले में गृहमंत्रालय के निर्देश पर शासन ने एसआईटी गठित की है। एसआईटी को तेल प्रकरण में अफसरों की भूमिका की जांच करने के लिए ही भेजा गया है। टीम में शामिल अधिकारियों ने पुलिस-प्रशासन से अलग अलग बिंदुओं पर 20 अगस्त से लेकर अब तक की पूरी रिपोर्ट मांगी है।