डिग्री और मेडल पाकर चहक उठे पॉलीटेक्निक के मेधावी

एमपी पॉलीटेक्निक में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के हाथों डिग्री व मेडल पाकर मेधावियों के चेहरे चहक उठे। समारोह के बाद सभी ने उत्तरीय हवा में उछाल कर खुशी का इजहार किया। इसके बाद मेधावियों ने पुराने साथियों और परिवार के साथ सेल्फी ली।


समारोह में मंत्री ने कहा कि शिक्षा मानसिक संस्कार की आधार भूमि है। बिना इसके समाज में शैक्षिक आदर्शों की प्रतिष्ठा नहीं हो सकती। कहा कि सीखने का अंत नहीं है और अब आप बंद कक्षा से एक खुली कक्षा की तरफ जा रहे हैं। अपनी सोच के तरीकों को हमेशा जीवंत रखना चाहिए ताकि आप अपने-अपने क्षेत्र की अधिकतम ऊंचाइयों को छू सकें।
दीक्षांत समारोह का सबसे बड़ा संदेश होता है कि हमें यदि जिंदगी की सफलता पानी है तो बदलते युग के साथ अपने आप को समकक्ष बनाए रखना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व कुलपति प्रो. यूपी सिंह ने की।
विशिष्ट अतिथि प्रो. एनपी भोक्ता ने कहा कि वर्तमान के मूल्यांक की हमेशा आवश्यकता रहती है। उन्नति तकनीकी अच्छा है परन्तु उसका अति उपयोग विनाशकारी होता। समारोह में सत्र 2018-19 की वार्षिक परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 70 मेधावियों को सम्मानित किया गया।
प्रधानाचार्य मेजर पाटेश्वरी सिंह ने वार्षिक प्रगति प्रस्तुत की। संचालन माघवेंद्र राज ने किया। कार्यक्रम के दौरान चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, पुरातन छात्र पूर्वोत्तर रेलवे में उप मुख्य इंजीनियर कृष्ण सिंह, डीवीएनपीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. राजशरण शाही, डॉ. राधेश्याम त्रिपाठी, एसएन सिंह, संजीव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
इन मेधावियों का हुआ सम्मान
यांत्रिक प्रोडक्शन प्रथम वर्ष के प्रिंस मद्वेशिया, द्वितीय वर्ष के ऋषिकेश गुप्ता, तृतीय वर्ष के अरविंद शर्मा, सिविल अभियांत्रिकी प्रथम वर्ष के गोविंद सिंह, द्वितीय वर्ष के नीरज प्रजापति और तृतीय वर्ष के छट्ठू लाल साहनी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में आकाश मिश्रा, दुर्गेश गुप्ता और गिरिजेश विश्वकर्मा, यांत्रिक कैड में अमित सिंह, वीरू शर्मा और विपिन गुप्ता, इलेक्ट्रानिक्स में सौरभ कुमार पांडेय, पंकज साहनी, दीपक जायसवाल, आर्किटेक्चरल में प्रियंका चौधरी अनुपमा श्रीवास्तव और तुषार मद्वेशिया, कंप्यूटर साइंस में हूजैफा अंसारी, विनय सिंह और नर्वदेश्वर को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने पर मेडल प्रदान किया गया। एमएसएम अंतिम वर्ष की सताक्षी सिंह भी सम्मानित हुई।