देर से आई एंबुलेंस, प्रसूता को पैदल लेकर जा रहे थे परिजन, महिला ने खेत में दिया नवजात को जन्म
चित्रकूट में जननी सुरक्षा योजना में एंबुलेंस सेवा की लापरवाही के दो मामले मंगलवार को मुख्यालय व आसपास देखने को मिले। सूचना के एक घंटे तक एंबुलेंस न आने पर दर्द से कराहती प्रसूता को लेकर परिजन पैदल ही चले तो खेत में ही प्रसूता ने नवजात को जन्म दे दिया।
कुछ देर बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ी, इसके बाद पहुंची एंबुलेंस से दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इसके अलावा जिला अस्पताल में ही नवजात को रेफर किया गया लेकिन उसे समय से एंबुलेंस नहीं मिली। मंगलवार की सुबह मुख्यालय के लौढ़िया खुर्द गांव निवासी गर्भवती बिट्टन देवी (22) पत्नी देवकुमार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने एंबुलेंस को फोन किया।
एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। महिला को लेकर काफी देर तक गांव के बाहर इंतजार किया। प्रसव पीड़ा अधिक बढ़ने के बाद प्रसव खेत पर हुआ। एंबुलेंस के पहुंचने पर जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। इस संबंध में जिला एंबुलेंस संचालन के प्रभारी अनुराग अग्रहरि ने बताया कि सूचना पर समय से ही एंबुलेंस पहुंची थी लेकिन गांव तक एंबुलेंस पहुंचने के लिए मार्ग न होने के चलते गांव के बाहर एंबुलेंस इंतजार कर रही थी।
प्रसूता के परिजनों से आधे घंटे बाद एंबुलेंस पहुंचने को कहा गया था तब उन्होंने इसकी स्वीकृति भी दी थी।   इसके अलावा बबेरू थाना क्षेत्र के बेर्रांव गांव की गर्भवती चुन्नी (20) को परिजनों ने प्रसव पीड़ा होने पर बीती शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया। रात्रि में शिशु का जन्म हुआ। नवजात के मुंह में गंदा पानी पहुंचने के चलते डाक्टरों ने मंगलवार को रेफर कर दिया। तीमारदार एंबुलेंस का काफ ी देर तक इंतजार किया। आखिरकार निजी वाहन से दूसरे अस्पताल ले गए हैं।