जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम को धमकाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम को जमानत मिल गई है। वहीं जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मशकूर मुन्ना को सरकारी जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में जमानत मिल गई है। पुलिस पर हमला करने सहित अन्य कई गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे में मुन्ना की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने दो माह पहले सलीम कासिम और राकेश जैन के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया था। बुधवार को सलीम कासिम ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। बाद में जमानत प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने जमानत मंजूर कर ली है।
दूसरी ओर शहजादनगर थाने में पिछले दिनों मशकूर मुन्ना और उनके भाई मसरूर के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें एक मुकदमा सरकारी जमीन पर कब्जाने का है और दूसरा पुलिस टीम पर हमला करने का मुकदमा है।
दोनों ही मुकदमों में उन्होंने जिला जज के न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। इनमें सरकारी जमीन पर कब्जे के मुकदमे में अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। पुलिस पार्टी पर हमले के मुकदमे में अर्जी खारिज कर दी है।
जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने दो माह पहले सलीम कासिम और राकेश जैन के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया था। बुधवार को सलीम कासिम ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। बाद में जमानत प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने जमानत मंजूर कर ली है।
दूसरी ओर शहजादनगर थाने में पिछले दिनों मशकूर मुन्ना और उनके भाई मसरूर के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें एक मुकदमा सरकारी जमीन पर कब्जाने का है और दूसरा पुलिस टीम पर हमला करने का मुकदमा है।
दोनों ही मुकदमों में उन्होंने जिला जज के न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। इनमें सरकारी जमीन पर कब्जे के मुकदमे में अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। पुलिस पार्टी पर हमले के मुकदमे में अर्जी खारिज कर दी है।