चंडीगढ़ में कम टैक्स के चलते सस्ती बिक रही शराब ने हिमाचल को दोहरी परेशानी में डाल दिया है। चंडीगढ़ की सस्ती शराब की वजह से हिमाचल में न सिर्फ अवैध शराब की तस्करी की समस्या बढ़ी है, बल्कि प्रदेश को इससे राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सस्ती शराब के इस दोहरे नुकसान को झेल रहे हिमाचल ने अब चंडीगढ़ के प्रशासन को पत्र लिखकर टैक्स बढ़ाने की मांग की है। प्रधान सचिव आबकारी संजय कुंडू ने इस संबंध में प्रशासक को पत्र भी लिख दिया है।
दरअसल, चंडीगढ़ में देसी शराब पर एक्साइज ड्यूटी 48 से 63 रुपये प्रति लीटर है, जबकि हिमाचल में यही एक्स डिस्टिलरी प्राइस पर एक्साइज ड्यूटी 62 से 74 रुपये प्रति लीटर है। विदेशी शराब पर चंडीगढ़ में 300 रुपये व हिमाचल में 484 रुपये प्रति लीटर एक्साइज टैक्स और विदेशी बीयर पर चंडीगढ़ में 33 रुपये, जबकि हिमाचल में 67 रुपये प्रति लीटर एक्साइज टैक्स लगता है। एक्साइज टैक्स के इसी बड़े अंतर का असर देसी-विदेशी शराब की कीमत पर पड़ रहा है। इसकी वजह से प्रदेश में चंडीगढ़ से शराब तस्करी बढ़ी है।
इस वजह से हिमाचल को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। प्रमुख सचिव कुंडू ने बताया कि हाल में हुई उत्तर क्षेत्र परिषद की बैठक के दौरान भी हिमाचल ने यह मुद्दा उठाया था। अब पत्र लिखकर चंडीगढ़ के प्रशासक से मांग की गई है वह टैक्स के इस अंतर को खत्म करने के लिए कदम उठाए, ताकि अवैध तस्करी और राजस्व नुकसान की दोहरी मार से हिमाचल को राहत मिल सके। बता दें, इस नुकसान के बावजूद पिछले साल की तुलना में हिमाचल का आबकारी से राजस्व 180 करोड़ रुपये बढ़ा है।
इस वजह से हिमाचल को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। प्रमुख सचिव कुंडू ने बताया कि हाल में हुई उत्तर क्षेत्र परिषद की बैठक के दौरान भी हिमाचल ने यह मुद्दा उठाया था। अब पत्र लिखकर चंडीगढ़ के प्रशासक से मांग की गई है वह टैक्स के इस अंतर को खत्म करने के लिए कदम उठाए, ताकि अवैध तस्करी और राजस्व नुकसान की दोहरी मार से हिमाचल को राहत मिल सके। बता दें, इस नुकसान के बावजूद पिछले साल की तुलना में हिमाचल का आबकारी से राजस्व 180 करोड़ रुपये बढ़ा है।