भारत-जर्मनी मिलकर आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटेंगे, हुए कई अहम समझौते
भारत और जर्मनी मिलकर आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटेंगे। इसके साथ ही दोनों देश पर्यावारण को बचाने के लिए भी काम करेंगे। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दिल्ली में शुक्रवार को जर्मनी के साथ हुए समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कही। 


उन्होंने कहा कि जर्मन चांसलर डॉ. मर्केल को जर्मनी और यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्व की लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है। पिछले लगभग डेढ़ दशक से चांसलर के रूप में मर्केल ने भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 
पीएम मोदी ने कहा कि हर दो साल के अंतराल पर होने वाली तीन आईजीसी की बैठकों में चांसलर मर्केल के साथ भाग लेने का मुझे सौभाग्य मिला है। इस अनूठे तंत्र से हर क्षेत्र में हमारा सहयोग और भी गहरा हुआ है।
आज जिन समझौतों आदि पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे इस बात का प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि साल 2022 में स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का हो जाएगा, तब तक हमने नए भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि इस बहुआयामी प्रयास में भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के लिए जर्मनी जैसे प्रौद्योगिकीय और आर्थिक क्षेत्र के शक्तिशाली देश की क्षमताएं उपयोगी साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए हम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे। पीएम ने कहा कि निर्यात नियंत्रण नियम और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत की सदस्यता को लेकर सशक्त समर्थन देने के लिए हम जर्मनी के आभारी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और जर्मनी नई और उन्नत प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कौशल, शिक्षा, साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संबंधों का आधार लोकतंत्र और कानून का शासन हैं, यही कारण है कि हम दुनिया के प्रमुख मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं। हम आतंकवाद से लड़ने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और अधिक मजबूत करेंगे।