बहेड़ी महिला नेता फायरिंग, साइड स्टोरी
बहेड़ी। ग्राम प्रधान संतोष भारती शायद मौके पर ही मार दी जातीं लेकिन ऐन मौके पर कहीं और हुए विवाद की सूचना पर जा रही यूपी 112 जैसे खुद देवदूत बनकर उन्हें बचाने पहुंच गई। पुलिस को देखकर ग्राम प्रधान पर और गोलियां दागने के लिए तैयार हमलावर बाइक छोड़कर भाग निकले। इसके बाद पुलिस अपनी ही गाड़ी से ग्राम प्रधान को फौरन अस्पताल ले गई। पुलिस की इस तत्परता ने ग्राम प्रधान की जान बचा ली।
पीआरबी 183 केसर रेलवे क्रासिंग के पार खड़ी थी तभी उसे सकरस गांव में एक झगड़े की सूचना मिली। मौके के लिए रवाना हुई पीआरबी जैसे ही जाजूनागर पहुंची तो देखा कि बाइक पर सवार दो युवक एक स्कूटी से जाती महिला पर गालियां दाग रहे हैं। पुलिस के ड्राइवर ने अपनी गाड़ी ऐन मौके पर ले जाकर रोकी तो हमलावर अपनी बाइक वहीं छोड़कर नाले को कूदकर भाग निकले। कुछ दूर पीछा करने के बाद भी हमलावर हाथ नहीं आए तो सिपाही लौट आए।
पीआरवी स्टाफ इसके बाद घायल प्रधान को फौरन अस्पताल ले गया। तब तक थाना पुलिस भी आ गई। बाइक नंबर गरीबपुरा के जयंत नाम से पंजीकृत निकला। इसके बाद पुलिस को खुलासे का काफी क्लू मिल गया। एसएसपी सीधे भोजीपुरा में भर्ती प्रधान का हाल जानने पहुंचे। फिर घटनास्थल आकर क्राइम सीन देखकर एसएसपी ने पीआरवी स्टाफ से पूछताछ की। आसपास घरों के लोगों से बात की कोशिश की पर कोई बाहर नहीं निकला। एसएसपी ने एसपी देहात से बाइक सवार युवक पर ही जांच फोकस करने को कहा। इंस्पेक्टर ने गांव जाकर जानकारी जुटाई तो काफी क्लू मिल गए।

जिन पर शक, वे फरार मिले
यूं तो प्रधान के बेटे ने चार लोगों के नाम रिपोर्ट कराई है। पुलिस ने दो को पकड़ा भी है पर सत्तर साल से ज्यादा उम्र के इन लोगों पर आरोप साबित करना मुश्किल लग रहा है। पुलिस को नामजदों में से एक राजीव की तलाश है। राजीव युवा है और मौके पर मिली बाइक उसके भाई जयंत की निकली है। दोनों के पिता विजय चौधरी का घर प्रधान के पड़ोस में है। एक मकान की जमीन को लेकर विजय का संतोष भारती से विवाद चल रहा था। हालांकि जमीन के विवाद में हत्या का इरादा बना लिया गया, ये सवाल बना हुआ है। एसपी देहात ने बताया कि पुलिस को शक है कि बाइक सवार दोनों युवक राजीव और जयंत थे। वह घर से भी फरार हैं। उनके मिलने के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। तभी यह भी पता लगेगा कि बाकी नामजदों का कोई रोल है या नहीं।