अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने को तैयार शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, नहीं दायर करेगा पुनर्विचार याचिका
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। बोर्ड का कहना है कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करना बेवजह मामले को तूल देना है। इससे देश में माहौल खराब होगा।

बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फैसला बोर्ड ने पूर्ण बहुमत से लिया है। बोर्ड का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम है। इस प्रकरण का अंत होना ही राष्ट्रहित में है। हिंदुस्तान के मुसलमानों ने बहुमत के साथ सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार किया है।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यह भी साफ किया कि वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अंग नहीं है। बोर्ड के सदस्य मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की राय से भी सहमत नहीं है।
अगर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिलने वाली पांच एकड़ जमीन नहीं लेता है तो इस जमीन पर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड अपनी दावेदारी करेगा। इस जमीन पर जनहित में अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव बोर्ड ला सकता है।
बोर्ड की बैठक में कुल सात में से पांच सदस्य शामिल हुए। इनमें चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी के अलावा मौलाना आजिम हुसैन, वली हैदर एडवोकेट, अशफाक हुसैन, अफषां ज़ैदी एडवोकेट मौजूद रहे।