नासा ने बुधवार को जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का कोई शौचालय काम नहीं कर रहा है। इस कारण अंतरिक्ष यात्रियों को डायपर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। आईएसएस के कमांडर लूसा परमिटानो के मुताबिक, अमेरिकी हिस्से में लगा शौचालय लगातार खराबी का सिग्नल दे रहा है। वहीं, रूसी हिस्से में लगा हुआ शौचालय पूरी क्षमता तक भर चुका है और इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रूस में निर्मित दो शौचालय लगाए गए है। एक शौचालय अमेरिकी हिस्से में लगाया गया है, तो दूसरे शौचालय को रूसी हिस्से में लगाया गया है। इन दोनों के अलावा, अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़े सोयूज अंतरिक्षयान में भी शौचालय हैं, लेकिन उनका प्रयोग अंतरिक्ष यान की उड़ान के दौरान किया जाता है। स्थिर रहने की स्थिति में इनका प्रयोग कभी-कभार ही होता है।
इस समय अंतरिक्ष में दो स्पेस स्टेशन सक्रिय
इस समय अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष स्टेशन कार्य कर रहे हैं। इनमें से एक अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, कनाडा और जापान की मदद से संचालित किया जाता है। इसे ही 'अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन' (आईएसएस) के नाम से जाना जाता है।
दूसरा अंतरिक्ष स्टेशन चीन का है और इसका नाम 'तिआनगोंग-2' है। आईएसएस को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है। यह स्टेशन लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है। इससे पहले रूस का अंतरिक्ष स्टेशन 'मीर' पृथ्वी की परिक्रमा करता था, लेकिन इसको संचालित करने में अधिक खर्च आने और सुरक्षा कारणों के चलते इसे 2001 में दक्षिण प्रशांत महासागर में गिरा दिया गया था।
इस समय अंतरिक्ष में दो स्पेस स्टेशन सक्रिय
इस समय अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष स्टेशन कार्य कर रहे हैं। इनमें से एक अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, कनाडा और जापान की मदद से संचालित किया जाता है। इसे ही 'अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन' (आईएसएस) के नाम से जाना जाता है।
दूसरा अंतरिक्ष स्टेशन चीन का है और इसका नाम 'तिआनगोंग-2' है। आईएसएस को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है। यह स्टेशन लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है। इससे पहले रूस का अंतरिक्ष स्टेशन 'मीर' पृथ्वी की परिक्रमा करता था, लेकिन इसको संचालित करने में अधिक खर्च आने और सुरक्षा कारणों के चलते इसे 2001 में दक्षिण प्रशांत महासागर में गिरा दिया गया था।