अनूठी सौगातें देकर विदा हुआ हुनर हाट, 10 दिनों में हुई करोड़ों की बिक्री
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पहल और मौलाना आजाद नेशनल एकेडेमी ऑफ स्किल्स के सहयोग से सांस्कृतिक केंद्र के शिल्प हाट में लगा दस दिनी क्राफ्ट्स और क्यूजींस कासंगम 'हुनर हाट' शहरियों को अनूठी सौगातें देकर रविवार को विदा हो गया। उस्तादों के शिल्पों के दस दिनी मेले में शहरियों ने अपनी जरूरत की चीजें खरीदीं तो तरह-तरह के स्वाद का भी लुत्फ लिया। इस दौरान दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों की करोड़ों रुपये की बिक्री भी हुई

आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर,लद्दाख सहित देश के लगभग सभी राज्यों से आए शिल्पकारों ने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों से लोगों को लुभाया। इसी तरह लोगों ने अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद भी चखा। इसमें बड़ी संख्या में महिला कारीगरों सहित देश के हर कोने से तीन सौ से ज्यादा दस्तकार, शिल्पकार, खानसामों ने हुनर दिखाया। हर दस्तकार से जुड़े लगभग सौ लोगों को रोजगार मिला। अगला हुनर हाट दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर और मुंबई में 20 से 31 दिसंबर तक होगा।
सदाबहार गीतों से सजी शाम
मेले के समापन पर बड़ी संख्या में शहरियों ने खरीदारी की और मुक्ताकाशी मंच की विविधतापूर्ण प्रस्तुतियों का आनंद लिया। राहुल जोशी ने सदाबहार नगमे सुनाकर श्रोताओं को जोड़ा तो समीर खान ने एक से बढ़कर एक गज़लें सुनाईं। कई बार राहुल मंच से उतरकर श्रोताओं के बीच पहुंचे और उन्हें भी अपने साथ गुनगुनाने को विवश किया।