मेडिकल स्टोर यदि दवा का अधिक मूल्य वसूलते हैं तो इसकी शिकायत की जा सकती है। एफएसडीए ने दवाओं के मूल्यों के घटने-बढ़ने की जन सूचना प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए दवा निर्माता संघ से प्रतिनिधि से भी सहमति हो गई है
निर्धारित मूल्य से अधिक में दवा बेचने पर भारत सरकार के टोल फ्री नंबर 1800111255 पर सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा एफएसडीए के फोन नंबर 0522-2320552 पर प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दी जा सकती है।
ये जनसूचना प्रदेश के 108701 मेडिकल स्टोर पर प्रदर्शित कराई जाएगी। एफएसडीए की अपर मुख्य सचिव डॉ. अनिता भटनागर जैन ने बृहस्पतिवार को बापू भवन में अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी।
डॉ. अनिला भटनागर जैन ने बताया कि शेड्यूल्ड एवं नॉन शेड्यूल्ड वर्ग की लगभग 1100 दवाओं के दाम में भारत सरकार ने 50 से 80 फीसदी की कमी की है। इसकी जानकारी जन सामान्य को वेबसाइट www.nppaindia.nic.in और PHARMA SAHI DAAM एप से मिल सकती है।
ये जनसूचना प्रदेश के 108701 मेडिकल स्टोर पर प्रदर्शित कराई जाएगी। एफएसडीए की अपर मुख्य सचिव डॉ. अनिता भटनागर जैन ने बृहस्पतिवार को बापू भवन में अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी।
डॉ. अनिला भटनागर जैन ने बताया कि शेड्यूल्ड एवं नॉन शेड्यूल्ड वर्ग की लगभग 1100 दवाओं के दाम में भारत सरकार ने 50 से 80 फीसदी की कमी की है। इसकी जानकारी जन सामान्य को वेबसाइट www.nppaindia.nic.in और PHARMA SAHI DAAM एप से मिल सकती है।
लखनऊ, सहारनपुर और कानपुर में बनेगी लैब
उन्होंने बताया कि दवाओं और कॉस्मेटिक की जांच के लिए लखनऊ, सहारनपुर और कानपुर में नई लैब बनेंगी। ये नई माइक्रोबॉयोलॉजिकल लैब मुंबई व चेन्नई में स्थित लैब की तर्ज पर बनेंगी। नई लैब बनने से दवाओं और कॉस्मेटिक्स की जांच रिपोर्ट कम समय में मिल सकेंगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में नकली, अधोमानक, मिथ्याछाप दवाओं के निर्माण और बिक्री से संबंधित मुकदमें पहले मंडल मुख्यालयों में दाखिल किए जाते हैं। जिससे उस मंडल के सभी जिलों मुकदमों की सुनवाई मंडलीय जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में होती थी।
इसके चलते लगभग 38 सालों से सभी जिलों में कुल 1559 मुकदमें लंबित हैं। अब सभी जिलों में सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जहां ऐसा न्यायालय न हो वहां वरिष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में मुकदमों की सुनवाई के लिए अधिसूचित किया गया है। विशेष न्यायालय की अधिसूचना 25 नवंबर को जारी कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में नकली, अधोमानक, मिथ्याछाप दवाओं के निर्माण और बिक्री से संबंधित मुकदमें पहले मंडल मुख्यालयों में दाखिल किए जाते हैं। जिससे उस मंडल के सभी जिलों मुकदमों की सुनवाई मंडलीय जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में होती थी।
इसके चलते लगभग 38 सालों से सभी जिलों में कुल 1559 मुकदमें लंबित हैं। अब सभी जिलों में सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जहां ऐसा न्यायालय न हो वहां वरिष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय को विशेष न्यायालय के रूप में मुकदमों की सुनवाई के लिए अधिसूचित किया गया है। विशेष न्यायालय की अधिसूचना 25 नवंबर को जारी कर दी गई है।