शहर की पॉश कालोनी खंदारी के हनुमान चौराहा में लेदर कारोबारी अवनीश कुमार ग्रोवर (69) और उनकी पत्नी ऊषा रानी (65) हत्याकांड की जांच चार साल बाद एक बार फिर शुरू हो गई है। शनिवार को सीओ हरीपर्वत एएसपी सौरभ दीक्षित और थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कौशल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
15 नवंबर 2015 की रात को घटना हुई थी। कारोबारी अवनीश कुमार ग्रोवर और उनकी पत्नी ऊषा रानी घर में अकेले थे। इकलौता बेटा गिरीश 12 नवंबर को पत्नी और बच्चों के साथ बहन बिंटी के पास पश्चिम विहार, दिल्ली गया था।
अवनीश कुमार ग्रोवर और ऊषा रानी की मेन गेट के पास फावड़े से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। दोनों के मुंह और पैर टेप से बांध दिए गए थे। घटना के खुलासे के लिए व्यापारियों ने भी कई दिन तक आंदोलन किया था।
15 नवंबर 2015 की रात को घटना हुई थी। कारोबारी अवनीश कुमार ग्रोवर और उनकी पत्नी ऊषा रानी घर में अकेले थे। इकलौता बेटा गिरीश 12 नवंबर को पत्नी और बच्चों के साथ बहन बिंटी के पास पश्चिम विहार, दिल्ली गया था।
अवनीश कुमार ग्रोवर और ऊषा रानी की मेन गेट के पास फावड़े से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। दोनों के मुंह और पैर टेप से बांध दिए गए थे। घटना के खुलासे के लिए व्यापारियों ने भी कई दिन तक आंदोलन किया था।
पुलिस ने घर से लूटपाट की बात से इंकार किया था। बाद जूता कारोबारी के मोबाइल का सिम बरामद कर लिया गया था। वहीं टेप किसी जूता एक्सपोर्ट यूनिट का था। वह पैकिंग में इस्तेमाल किया जाता है। टेप कहां से आया? यह तक पुलिस पता नहीं कर सकी।
पुलिस ने ग्रोवर परिवार के नजदीकियों से लेकर संदिग्धों से पूछताछ की थी। मगर, हत्याकांड का खुलासा नहीं हो सका। यह तक नहीं पता चल सका की ग्रोवर दंपति की हत्या के पीछे कारण क्या था। शनिवार को सीओ हरीपर्वत एएसपी सौरभ दीक्षित और थाना हरीपर्वत के प्रभारी निरीक्षक अजय कौशल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
अवनीश ग्रोवर का बेटा गिरीश सिकंदरा क्षेत्र में रह रहे हैं। पुलिस ने उनको बुलाया था। एएसपी ने कई बिंदुओं पर गिरीश से बात की। एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि पुन: जांच की जा रही है। तमाम बिंदुओं को देखा जा रहा है।
पुलिस ने ग्रोवर परिवार के नजदीकियों से लेकर संदिग्धों से पूछताछ की थी। मगर, हत्याकांड का खुलासा नहीं हो सका। यह तक नहीं पता चल सका की ग्रोवर दंपति की हत्या के पीछे कारण क्या था। शनिवार को सीओ हरीपर्वत एएसपी सौरभ दीक्षित और थाना हरीपर्वत के प्रभारी निरीक्षक अजय कौशल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
अवनीश ग्रोवर का बेटा गिरीश सिकंदरा क्षेत्र में रह रहे हैं। पुलिस ने उनको बुलाया था। एएसपी ने कई बिंदुओं पर गिरीश से बात की। एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि पुन: जांच की जा रही है। तमाम बिंदुओं को देखा जा रहा है।
आठवां विवेचक, पांचवें एसएसपी
ग्रोवर दंपती हत्याकांड में फिर से जांच हो रही है। इसमें अब आठवें विवेचक के रूप में अजय कौशल होंगे। इस समय एसएसपी बबलू कुमार हैं। जिस समय हत्याकांड हुआ, उस समय एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह थे। उनके बाद एसएसपी दिनेश चंद्र दुबे, अमित पाठक और जोगेंद्र कुमार आए थे। उन्होंने भी मामले में पुन: जांच कराई थी। थाना हरीपर्वत के प्रभारी शैलेष सिंह, हरिमोहन सिंह, राजा सिंह, धर्मेंद्र चौहान, जयकरण सिंह, महेश चंद्र गौतम, प्रवीन कुमार मान भी विवेचक रह चुके हैं।
इनसे नहीं उठा पर्दा
. हत्या की वजह पता नहीं चल सकी
. हत्या में इस्तेमाल टेप कहां से आया? नहीं पता चला
. फिंगर प्रिंट का मिलान नहीं हो सका।
ग्रोवर दंपती हत्याकांड में फिर से जांच हो रही है। इसमें अब आठवें विवेचक के रूप में अजय कौशल होंगे। इस समय एसएसपी बबलू कुमार हैं। जिस समय हत्याकांड हुआ, उस समय एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह थे। उनके बाद एसएसपी दिनेश चंद्र दुबे, अमित पाठक और जोगेंद्र कुमार आए थे। उन्होंने भी मामले में पुन: जांच कराई थी। थाना हरीपर्वत के प्रभारी शैलेष सिंह, हरिमोहन सिंह, राजा सिंह, धर्मेंद्र चौहान, जयकरण सिंह, महेश चंद्र गौतम, प्रवीन कुमार मान भी विवेचक रह चुके हैं।
इनसे नहीं उठा पर्दा
. हत्या की वजह पता नहीं चल सकी
. हत्या में इस्तेमाल टेप कहां से आया? नहीं पता चला
. फिंगर प्रिंट का मिलान नहीं हो सका।
फरवरी 2017 में लगाई गई थी फाइनल रिपोर्ट
ग्रोवर दंपति हत्याकांड में फाइनल रिपोर्ट फरवरी 2017 में लगाई गई थी। मगर, अधिकारियों के आदेश पर फिर से जांच कराई गई। इसके बाद अगस्त 2017, अक्तूबर 2017, जनवरी 2018 और दिसंबर 2018 में एफआर का समर्थन विवेचक ने किया। मगर, इस बार भी एफआर को अधिकारियों ने वापस कर दिया। अब फिर से पुन: जांच शुरू हो गई है।
पूर्व डीजीपी ने की थी घटना की समीक्षा
पूर्व डीजीपी जावीद अहमद ने भी घटना की समीक्षा की थी। इसके बाद फिर से इस घटना की जांच तेज की गई थी। मगर, कुछ दिन बाद जांच बंद कर दी गई।
खानाबदोशों पर जताया था शक
तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक राजा सिंह के समय में हत्या के पीछे चिकसाना के खानाबदोशों पर हत्या का अंदेशा जताया गया था। इस पर एक टीम को चिकसाना भेजा गया था। मगर, उससे भी कुछ नहीं हुआ।
ग्रोवर दंपति हत्याकांड में फाइनल रिपोर्ट फरवरी 2017 में लगाई गई थी। मगर, अधिकारियों के आदेश पर फिर से जांच कराई गई। इसके बाद अगस्त 2017, अक्तूबर 2017, जनवरी 2018 और दिसंबर 2018 में एफआर का समर्थन विवेचक ने किया। मगर, इस बार भी एफआर को अधिकारियों ने वापस कर दिया। अब फिर से पुन: जांच शुरू हो गई है।
पूर्व डीजीपी ने की थी घटना की समीक्षा
पूर्व डीजीपी जावीद अहमद ने भी घटना की समीक्षा की थी। इसके बाद फिर से इस घटना की जांच तेज की गई थी। मगर, कुछ दिन बाद जांच बंद कर दी गई।
खानाबदोशों पर जताया था शक
तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक राजा सिंह के समय में हत्या के पीछे चिकसाना के खानाबदोशों पर हत्या का अंदेशा जताया गया था। इस पर एक टीम को चिकसाना भेजा गया था। मगर, उससे भी कुछ नहीं हुआ।