आखिर दबोचे गए बाप-बेटा, दरोगा व सिपाही बनकर करते थे ठगी, पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे

मेरठ में सराफा कारोबारियों से पुलिस की वर्दी में ठगी की वारदातों को अंजाम मुरादाबाद निवासी पिता-पुत्र दिया करते थे। गुरुवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर इन वारदातों का खुलासा कर दिया। दोनों के पास से 964 ग्राम चांदी, 40 हजार रुपये और तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं।



पुलिस की मानें तो 16 साल से दोनों ठगी करते आ रहे थे। 100 से अधिक घटनाएं कर चुके हैं। इनमें से 25 मामलों की हिस्ट्री पुलिस ने जुटा ली है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इनका नेटवर्क फैला है। पुलिस गिरोह का नेटवर्क खंगालने में जुटी है। 
एसएसपी अजय साहनी ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि कम्बोह कटेरा सहारनपुर निवासी सराफ अनिल वर्मा से आठ अक्तूबर 2019 को जैन धर्मशाला घंटाघर के पास दो बदमाशों ने दो किलो चांदी और 1.20 लाख रुपये ठगे थे। इसका मुकदमा देहलीगेट थाने में दर्ज हुआ था। गुरुवार सुबह देहलीगेट पुलिस ने शिव चौक से विनोद शर्मा पुत्र पूरन लाल शर्मा उर्फ संपूर्णानंद और विवेक शर्मा पुत्र विनोद शर्मा, निवासी जौहरपुर थाना सीबी गंज बरेली हाल निवासी सेक्टर-16, नया मुरादाबाद थाना मझोला मुरादाबाद बताया।


कई जिलों में की वारदात 



एसएसपी के अनुसार आरोपियों ने मेरठ, ऊधमसिंह नगर, रुड़की, बरेली, हरिद्वार, मुरादाबाद, देहरादून में कई वारदात की। बेटे ने पुलिस की वर्दी में वारदात करने का आइडिया सुझाया था। इसके बाद पिता दरोगा और बेटा सिपाही बनकर ठगी करते आ रहे थे। 
सराफा बाजार तक सक्रिय ठगों का नेटवर्क
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह ने अपना नेटवर्क पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सराफा बाजारों में फैलाया हुआ है। वहां काम करने वाले लोग ही इनके गिरोह के सदस्य हैं। वही इनको सूचनाएं देते हैं। जिस भी सराफा कारोबारी से ठगी की वारदात अंजाम देनी होती थी, उसका पूरा विवरण वही लोग उपलब्ध कराते थे। इन लोगों को चिह्नित कर लिया है। 





इस तरह के कई और गैंग भी सक्रिय
एसपी सिटी डॉ. एएन सिंह और सीओ दिनेश शुक्ला ने बताया कि इस तरह के कुछ और गैंग सक्रिय हैं जो सिर्फ सराफा कारोबारियों को निशाना बनाते हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड के सराफा कारोबारी के बेटे से किस गिरोह ने ठगी की थी, इसका पता लगाया जा रहा है। 
पिता-पुत्र ने करके दिखाई ठगी
खुलासे के दौरान पिता-पुत्र की कार्यशैली को लेकर हर कोई हैरानी जता रहा था। अफसरों से सवाल किए गए तो उन्होंने पिता-पुत्र पर ही पूरा मामला डाल दिया। एसएसपी ने पूछताछ की तो पिता-पुत्र ने घटनाओं का नाट्य रूपांतर वहीं पेश कर दिया। दोनों ने दिखाया कि वह किस तरह से भरे बाजार में सराफा कारोबारी को रोकते थे। किस तरह उसे डराकर विश्वास में लेते थे। फिर किस तरह उनका सामान ठगकर फरार हो जाते थे। हालांकि इस दौरान कई सवाल ऐसे भी रहे, जिनके जवाब दोनों पिता-पुत्र ही नहीं बल्कि पुलिस अफसर भी नहीं दे सके।