आगरा में विशेष बच्चों का सहारा बनी लखनऊ की बेटी, पति ने हमेशा दिया साथ
लखनऊ की बेटी डॉ. रीता अग्रवाल आगरा में विशेष बच्चों का सहारा बन चुकी हैं। लखनऊ के मॉडल हाउस में पली-पढ़ीं रीता की 27 साल पहले आगरा के कारोबारी परिवार में शादी हुई थी। मनोविज्ञान से पीएचडी रीता ने कुछ अलग करने की जिज्ञासा से सिकंदरा के शांतिपुरम में टीयर्स संस्था खोल कर इन बच्चों की सेवा शुरू कर 


सामान्य की तरह अपने काम नहीं कर सकने वाले इन बच्चों को डॉ. रीता ने प्रशिक्षित करने का सिलसिला शुरू किया तो संस्था का नाम चर्चा में आने लगा। संस्था इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ कक्षा पांच तक की मुफ्त शिक्षा भी दे रही है। सामाजिक कार्य के लिए पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने डॉ. रीता को डॉ. शकुंतला विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव कमेटी का सदस्य नामित किया था। वह सरकार की दो अन्य कमेटी में सदस्य नामित की गई हैं।  


लाने-ले जाने की भी मुफ्त सुविधा



टीयर्स संस्था विशेष बच्चों को वोकेशनल कोर्स के साथ डोरमेट, दरी, ज्वैलरी बनाने आदि का प्रशिक्षण दे रही है। खेलों में भी इन्हें पारंगत किया जा रहा है। इसके एवज में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। संस्था के वाहन बच्चाें को घर से लाने और वापस छोड़ने का काम भी मुफ्त में करते हैं। संस्था के काम देखकर लोग मदद को आगे आते हैं।
डॉ. रीता बताती हैं कि जब 10 विशेष बच्चों के साथ संस्था शुरू की तो ससुराल में सिर्फ पति का साथ मिला था। हालांकि, जब संस्था ने इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना शुरू किया तो सभी ने सराहा। अब संस्था 250 बच्चों को इस लायक बना रही है कि वे रोजमर्रा के काम खुद कर सकें। इसमें 50 से अधिक कर्मचारी सहयोग करते हैं।