लखनऊ से प्रयाग के बीच शुरू होने वाली शताब्दी एक्सप्रेस की समयसारिणी इंडियन रेलवे टाइम टेबल कमेटी (आईआरटीटीसी) पहुंच गई है। इस पर मंथन शुरू हो गया है। जल्द ही इस पर मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
लखनऊ से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एक हाईस्पीड व लग्जरी ट्रेन चलाने की मांग कुंभ के पहले ही उठ रही थी। इस पर कई बैठकें भी हुईं। इसके बाद संचालन के लिए रास्ते साफ होने लगे। दोनों शहरों के बीच लंबे समय से प्रस्तावित और लगातार टल रही शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन साल के अंत तक करने की बात कही गई।
इस बाबत उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन की ओर से तैयारियों को अमलीजामा पहनाया गया और टाइमटेबल तैयार कर उत्तर रेलवे को भेजा गया। दरअसल, लखनऊ से फाफामऊ तक उत्तर रेलवे का सेक्शन है, जबकि इसके आगे प्रयाग तक रेलवे सेक्शन उत्तर मध्य रेलवे का है।
लखनऊ से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एक हाईस्पीड व लग्जरी ट्रेन चलाने की मांग कुंभ के पहले ही उठ रही थी। इस पर कई बैठकें भी हुईं। इसके बाद संचालन के लिए रास्ते साफ होने लगे। दोनों शहरों के बीच लंबे समय से प्रस्तावित और लगातार टल रही शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन साल के अंत तक करने की बात कही गई।
इस बाबत उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन की ओर से तैयारियों को अमलीजामा पहनाया गया और टाइमटेबल तैयार कर उत्तर रेलवे को भेजा गया। दरअसल, लखनऊ से फाफामऊ तक उत्तर रेलवे का सेक्शन है, जबकि इसके आगे प्रयाग तक रेलवे सेक्शन उत्तर मध्य रेलवे का है।
डबलिंग जल्द होगी पूरी
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि शताब्दी के संचालन की समयसारिणी बनाकर उत्तर रेलवे को भेजी गई है। ट्रेन प्रयाग की ओर से सुबह रवाना कराने की तैयारी है, जबकि लखनऊ से वापसी शाम को होगी। हालांकि, इस पर मुहर लगनी बाकी है। सूत्र बताते हैं कि आईआरटीटीसी के पास टाइमटेबल पहुंच गया है और मंथन भी शुरू हो गया है।
इधर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि प्रयाग-फाफामऊ के बीच डबलिंग का बचा काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन आसान हो सकेगा। शताब्दी को लेकर दोनों जोनों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।
इधर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि प्रयाग-फाफामऊ के बीच डबलिंग का बचा काम दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन आसान हो सकेगा। शताब्दी को लेकर दोनों जोनों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है।
जांची जाती है टाइमिंग की फीजिबिलिटी
बता दें कि जब नई ट्रेन शुरू की जाती है तो उसका प्रस्तावित टाइमटेबल इंडियन रेलवे टाइम टेबल कमेटी (आईआरटीटीसी) को भेजा जाता है। जहां टाइमिंग की फीजिबिलिटी जांची जाती है और स्वीकृति मिल जाने के बाद ट्रेन संचालन की व्यवस्था की जाती है। मसलन, रोलिंग स्टॉक, बोगियों आदि की व्यवस्था इसके बाद होती है।
ऐसे में एक ओर जहां उत्तर मध्य रेलवे द्वारा दिसंबर तक ट्रेन शुरू करने का दावा किया जा रहा था, वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में एक ओर जहां उत्तर मध्य रेलवे द्वारा दिसंबर तक ट्रेन शुरू करने का दावा किया जा रहा था, वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।