80 गांवों से होकर गुजरेगी इनर रिंग रोड,402हेक्टेयर भूमि लेगी सरकार
प्रयागराज। संगमनगरी के विकास की अबतक की सबसे बड़ी इनर रिंग रोड परियोजना के लिए स्माल(ए) श्रेणी का भूमि सर्वे पूरा कर लिया गया। एनएचएआई ने केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल को रिपोर्ट भेज दी है। सर्वे का डॉटा ऑन लाइन पोर्टल पर भी फीड कर दिया गया है। प्रयागराज और कौशांबी के कुल 80 गांवों से होकर इनररिंग रोड गुजरेगी। इसमें कौशांबी के 10 गांवों के किसान प्रभावित होंगे। इस परियोजना के लिए 402 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
पांच हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इनर रिंग रोड परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम चरण का सर्वे एनएचएआई ने हफ्ते भर के भीतर करा लिया है। कोशिश की जा रही है, कि भूमि अधिग्रहण का काम जल्द ही शुरू करा दिया जाए। इसके लिए एनएचएआई के सीएमडी व अन्य अफसरों से भी कई दौर की वार्ता हो चुकी है। केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय की प्राथमिकता सूची में इस परियोजना के आने के बाद आगे की प्रक्रिया तेज हो गई है। पोर्टल खुलने के बाद इस परियोजना से प्रभावित होने गांवों व संबंधित किसानों की भूमि के रकबा की सूची केंद्र सरकार को भेज दी गई है। प्रस्तावित इनर रिंग रोड परियोजना कुल 92 किमी लंबी होगी। इसमें 68 किमी ग्रीन बेल्ट का निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा 24 किमी हाईवे को इसमें मिलाया जाएगा। इस फोर लेन इनर रिंग रोड के किनारे आठ नए टाउनशिप बसाए जाएंगे। इस इनर रिंग रोड पर गंगा -यमुना पर तीन नए पुल और सात आरओबी भी प्रस्तावित हैं। इस रिंग रोड शहर से कटे गंगा-यमुना के कछारी इलाके से होकर कौड़िहार के पास सलहा से पुराने एनएच-2 से होकर दांदूपुर से गुजरेगी। इसके बाद महुआरी और सरस्वती हाईटेक सिटी के बीच से होकर अंदावा होते हुए इसे सहसो के पास मिलाया जाएगा।
इनर रिंग रोड परियोजना के प्रथम चरण की सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के साथ ही अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि व प्रभावित गांवों की सूची मंत्रालय को भेज दी गई है। निर्धारित सर्किल रेट का चार गुना अधिक मुआवजा प्रभावित किसानों को दिया जाएगा। एके राय, परियोजना निदेशक, एनएचआई।