29 में से 24 नमूनों की रिपोर्ट फेल, सुपारी में जानलेवा सिंथेटिक कलर, मावा व मिठाई भी घटिया
लखनऊ में मिलावटी खाद्य सामग्री बेचे जाने का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपावली पर एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन) के अभियान में लैब जांच को भेजे गए 29 नमूनों की रिपोर्ट में से 24 मानकों की कसौटी पर फेल साबित हो गए हैं।
यह जानकारी देते हुए एफएसडीए के अभिहीत अधिकारी (डीओ) एसपी सिंह ने बताया कि चिंताजनक बात यह है कि इसमें से सुपारी के तीन नमूने लैब जांच में जानलेवा स्तर तक खतरनाक सिंथेटिक कलर की मिलावट मिलने से असुरक्षित श्रेणी में फेल आए।
जबकि मावा, मिठाई, नमकीन व अन्य खाद्य सामग्री के 21 नमूने लैब में घटिया (सबस्टैंडर्ड) मिलने पर रिपोर्ट में फेल आए। उन्होंने बताया कि लैब की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद फेल नमूनों से जुड़े प्रतिष्ठान संचालकों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जा रही है।
नोटिस की तय मियाद के बाद आरोपी संचालकों के खिलाफ कोर्ट से सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया, असुरक्षित श्रेणी में फेल नमूने पर एसीजेएम कोर्ट व सुरक्षित श्रेणी में फेल नमूनों पर न्याय दंडाधिकारी एफएसडीए कोर्ट में मुकदमा करा दंड दिलवाया जाएगा।

श्यामजी इंटरप्राइजेज में 624 बोरी स्टाक किया था सीज



अभिहीत अधिकारी ने बताया कि गत माह एफएसडीए टीम ने पानदरीबा इलाके में एक सुपारी कारोबारी के गोदाम पर छापा मारकर भारी मात्रा में घटिया घुन व फंफूद लगी सुपारी को पकड़ा था। कार्रवाई के दौरान टीम ने साबुत आपि सुपारी (सफेद), लाल साबुत सुपारी, सीके दो टुकड़ा सुपारी संग छोटी इलायची व काली मिर्च का नमूना लैब जांच को भेजकर 95.89 लाख मूल्य के 624 बोरी स्टाक को सीज किया था।
यह नमूने पानदरीबा के सुपारी कारोबारी द्वारा संचालित श्यामजी इंटरप्राइजेज से लेकर लैब को भेजे गए थे। लैब में हुई जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट में कटी सुपारी, खड़ी साबित सुपारी व लाल सुपारी के नमूने खतरनाक सिंथेटिक कलर की मिलावट पाए जाने पर जानलेवा स्तर तक खतरनाक असुरक्षित श्रेणी में फेल आए हैं। जबकि इसी प्रतिष्ठान से लैब जांच को भेजा गया काली मिर्च का नमूना घटिया (सबस्टैंडर्ड) मिलने पर सुरक्षित श्रेणी में फेल आया।




99 नमूने भेजे गए थे जांच के लिए



एफएसडीए के डीओ एसपी सिंह बताया कि दीपावली पर अभियान में खाद्य सामग्री के कुल 99 नमूने लैब जांच को भेजे गए थे। इनमें से 29 की जांच रिपोर्ट अभी तक जिला कार्यालय को मिली है। इसमें से 24 नमूने लैब रिपोर्ट में फेल जबकि मात्र पांच नमूने ही जांच की कसौटी पर खरे साबित मिले।
अभिहीत अधिकारी ने बताया कि लैब से प्राप्त रिपोर्ट में मावा के सर्वाधिक 11 नमूने, पनीर व बूंदी लड्डू के दो-दो नमूने राजभोग, मूंग मिक्स, केसरिया पेड़ा, अंजीर लड्डू और मद्रासी नमकीन का एक-एक नमूना तय मानक पूरे न पाए जाने पर जांच रिपोर्ट में इन्हें घटिया (सबस्टैंडर्ड) और सुरक्षित श्रेणी में फेल बताया गया है।




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