150 करोड़ का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बत्ती गुल, मोमबत्ती जलाकर दी दवा
मेरठ। मेडिकल कॉलेज में 150 करोड़ रुपये की लागत से बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की विद्युत आपूर्ति मंगलवार को ठप हो गई। ओपीडी में खिड़की से आ रही रोशनी में चिकित्सकों ने मरीज देखे। मोमबत्ती की रोशनी में दवा वितरण किया गया।
ऐसे में बिजली न होने से न सिर्फ मरीजों को परेशानी हुई, बल्कि डॉक्टरों को भी काफी दिक्कत रही। इसे लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा रहा। काफी मशक्कत के बाद शाम पांच बजे विद्युत आपूर्ति चालू हो सकी। गनीमत है कि अभी अस्पताल पूरी तरह से संचालित नहीं किया जा रहा है। सिर्फ दिन में ह्रदय रोग और न्यूरोलॉजी की दो ओपीडी की जाती है।
सुबह नौ बजे फाल्ट के कारण अस्पताल की बिजली गुल हो गई। इसे ठीक करने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई गई, नतीजतन रात तक बिजली सही नहीं की गई। हालांकि मेडिकल के जिम्मेदार दावा कर रहे हैं कि इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है।

प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि सुपर स्पेशियलिटी के अंदर इंटरनल फाल्ट है, जो कोडिंग सिस्टम से काम करता है। जिसे बिल्डिंग का निर्माण करने वाली संस्था सीपीडब्ल्यूडी से संपर्क कर ठीक कराया जा रहा है।विद्युत विभाग का कोई फाल्ट नहीं है, वहां से लाइट आ रही है।
दरअसल, हल्ला मच गया था कि बिजली का बिल नहीं चुकाने के कारण विद्युत विभाग ने बिजली काट दी है। प्राचार्य ने विद्युत अधिकारियों से बात की तो पता चला कि अस्पताल के अंदर ही फाल्ट है। इसके बाद शाम पांच बजे बिल्डिंग की बिजली शुरू हो सकी। गौरतलब है कि इससे पहले अक्तूबर माह और जुलाई माह में तीन दिन तक अस्पताल की विद्युत आपूर्ति बाधित रही थी।
लखनऊ तक मचा हड़कंप
बाकी ब्लॅाकों में बिजली आपूर्ति होने पर अस्पताल कर्मियों ने बिजली जाने का कारण पीवीवीएनएल द्वारा बकाया बिजली बिल के चलते बिजली काटा जाना मान लिया। सुपर स्पेशियलिटी परिसर की बिजली कटने का मुद्दा लखनऊ तक पहुंच गया।
वहां से फोन घनघनाने के बाद हरकत में आए विभागीय अधिकारियों ने मौके पर जाकर देखा तो मीटरिंग रूम तक बिजली आपूर्ति होती मिली। परिसर के अंदर ही कोई फाल्ट होने पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी। अपने स्तर पर व्यवस्था ठीक मिलने पर बिजली अधिकारियों ने राहत की सांस ली और इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।




अड़चनें हैं कि खत्म नहीं हो रहीं
बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 2016 में शुरू हुआ था। निर्माण की अवधि 13 से 24 महीने के बीच रखी गई थी, लेकिन यह करीब तीन साल बाद हैंडओवर की गई। पहले सुपर स्पेशियलिटी विंग को फरवरी 2019 में शुरू करने की योजना थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था, लेकिन कई कमियां रहने के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका।
इसे लेकर केंद्र और यूपी सरकार की काफी किरकिरी भी हुई। इसके बाद से हर माह की 20 से 30 तारीख के बीच इसके उद्घाटन किए जाने का दावा किया जाता है, लेकिन मामला अटक जाता है। इसी वजह से इसमें प्राचार्य ने यहां दो ओपीडी शुरू करा दी थी, ताकि अस्पताल में व्यवस्था सुचारू बनी रहे। पिछले शनिवार को ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना इसका निरीक्षण करने आए थे। उन्होंने इसे जल्द शुरू करने को कहा था।




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