वकीलों का हड़ताल पर जाना सही नहीं, आम जनजीवन हो जाता अस्त-व्यस्त : सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सेवा पंचाट के गठन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के सरकार से जवाब तलब करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दरकिनार कर दिया है। हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट के वकील सात दिन की हड़ताल पर चले गए थे। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले में स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिए था। सुनवाई के दौरान पीठ ने इलाहाबाद व हाईकोर्ट के बार एसोसिएशनों द्वारा हड़ताल पर जाने के निर्णय पर भी नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि वकीलों को एक दिन के लिए भी हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए। इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को अवध बार एसोसिएशन ने चुनौती दी थी। अगस्त महीने में ही यूपी सरकार ने यूपी शिक्षा सेवा अधिनियम, 2019 के तहत लखनऊ में पंचाट के गठन का निर्णय लिया था। अभी इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना बाकी है।