टीबी मरीजों के जीरो बैलेंस पर पोस्ट आफिस में खुलेंगे खाते  स्वास्थ्य विभाग और पोस्टल डिपार्टमेन्ट में करार नि:क्षय पोषण योजना का लाभ सभी मरीजों तक पहुंचाने का प्रयास


नोएडा,  अब क्षय रोग यानिटीबी के उन मरीजों को भी निक्षय पोषण योजना का लाभ मिलेगा, जिनका  बैंक खाता  नहीं है। अब इनके खाते पोस्ट आफिस में खोले जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और पोस्टल डिपार्टमेंट के बीच एक एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेंडिंग) भी साइन हुआ है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया कि जनपद में करार के तहत 37 पोस्ट आफिस की सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के नजदीकी  पोस्ट आफिस में खाते खुलवाएं जाएंगे। ये खाते जीरो बैलेंस पर खुलेंगे। खाता खुलवाने के लिए संबंधित मरीज को अपना एड्रेस प्रूफ और आईडी प्रूफ देना होगा।
पोस्ट आफिस में खाता खोलने के लिए मरीजों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग के संबंधित सुपरवाइजरों को उपलब्ध करा दी गयी है। वह इलाके के सबसे नजदीकी  पोस्ट आफिस के अधिकारी से समन्वय स्थापित कर लाभार्थियों के खाते खुलवाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में लाभार्थियों की संख्या ज्यादा है तो वहां शिविर लगाकर उनके खाते खुलवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंकों में खाता न होने के कारण काफी लाभार्थी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे।
डा. जैन ने बताया कि इस समय जनपद में सामान्य टीबी के 4152 मरीज सरकारी अस्पतालों और 2023 मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा मल्टी ड्रग रजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी के 209 मरीज तथा एक्स्ट्रा ड्रग रजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी के 13 मरीजों का इलाज चल रहा है।  यह आंकड़ा एक जनवरी से 31 जुलाई 2019 तक का है। उन्होंने बताया कि जनपद गौतमबुद्धनगर में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज सदरपुर, हरौला, ममूरा, गिजौड़ और नोएडा सेक्टर 22 में हैं। उन्होंने कहा कि इतनी संख्या में टीबी मरीजों का सामने आना विभाग के जागरूकता कार्यक्रम का नतीजा है। धीरे-धीरे लोग टीबी के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं और जागरूक भी। पहले लोग रोग का पता लगने के बाद भी इलाज में संकोच करते थे, लेकिन अब नजरिया और हालात बदल रहे हैं।
क्या है नि: क्षय पोषण योजना-
इस योजना के तहत सरकार टीबी मरीज को इलाज के दौरान पौष्टिक आहार के लिए पोषण भत्ते के रूप में हर महीने 500 रुपये देती है। यह सहायता राशि सीधे मरीज के खाते में ट्रांसफर की जाती है। डा. जैन ने बताया कि इस योजना से वह मरीज लाभांवित होंगे, जिनका इलाज चल रहा है। इस योजना का लाभ उन मरीजों को नहीं मिलेगा, जो इलाज अधूरा छोड़ देते हैं अथवा नियत समय पर जांच के लिए नहीं आते हैं। यह योजना 1 अप्रैल 2018 से लागू है।
डा. जैन ने बताया कि सरकार टीबी मरीज को हर माह 500 रुपये इस लिए देती है ताकि वह इलाज के दौरान ठीक से खाये और पौष्टिक भोजन लें। क्योंकि टीबी के मरीज को इलाज के दौरानपौष्टिक  आहार की जरूरत होती है। कई मरीजों की आर्थिंक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वह पौष्टिक आहार ले सकें । इलाज के दौरान उसकी भूख भी बढ़ जाती है।