टीबी मरीजों के जीरो बैलेंस पर डाकखानों में खुलेंगे खाते      स्वास्थ्य विभाग एवं डाक विभाग में हुआ करार 

 


मेरठ।  अब क्षय रोग यानि टीबी के उन मरीजों को भी निरूक्षय पोषण योजना का लाभ मिलेगाए जिनका  बैंक खाता  नहीं है। अब इनके खातेडाकखानेमें खोले जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और पोस्टल डिपार्टमेंट के बीच एक एमओयू -मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेंडिंग भी साइन हुआ है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एमएस फौजदार ने बताया कि जनपद में करार के तहत 42 डाकखानों की सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के नजदीकी डाकखाने में जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाएं जाएंगे। खाता खुलवाने के लिए संबंधित मरीज को अपना एड्रेस पु्रफ और आईडी पु्रफ देना होगा।
डाकखाने में खाता खोलने के लिए मरीजों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग के संबंधित सुपरवाइजरों को उपलब्ध करा दी गयी है। वह इलाके  के सबसे नजदीकी डाकखाने के अधिकारी से समन्वय स्थापित कर लाभार्थियों के खाते खुलवाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में लाभार्थियों की संख्या ज्यादा है तो वहां शिविर लगाकर उनके खाते खुलवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बैंकों में खाता न होने के कारण काफी लाभार्थी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे।


 उन्होंने  बताया जिले में सामान्य टीबी के 6241 मरीज सरकारी अस्पतालों मेंए 3067 मरीज प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मल्टी ड्रग रजिस्टेंट एमडीआर टीबी के 300 मरीज तथा एक्ट्रा ड्रग रजिस्टेंस एक्सडीआर टीबी के 21 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। यह आंकड़ा जनवरी से जुलाई 2019 तक का है। उन्होंने बताया सबसे ज्यादा मरीज साबुन गोदाम, मलियाना, शकूर बस्ती, नूरनगर, सददीक नगर, शेरगढ़ी, कुटी, मकबरा डिग्गी, अबदुल्लापुर,परतापुर इंडस्ट्री एरिया में हैं। उन्होंने बताया इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के सामने आने का कारण विभाग की ओर से चलाया गया जागरूकता अभियान है। टीबी के प्रति अब लोग संवेदनशील होने लगे हैं। पहले लोग बीमारी का पता लगने के बाद भी बताने में संकोच  करते थे। लेकिन अब जागरूकता के कारण लोगों का नजरिया  बदल रहा है। 
ये है नि:क्षय पोषण योजना 
इस योजना के तहत सरकार टीबी मरीज को इलाज के दौरान पौष्टिक आहार के लिए पोषण भत्ते के रूप में हर महीने 500 रुपये देती है। यह सहायता राशि सीधे मरीज के खाते में ट्रांसफर की जाती है। डा. फौजदार ने बताया कि इस योजना से वह मरीज लाभांवित होंगे, जिनका इलाज चल रहा है। इस योजना का लाभ उन मरीजों को नहीं मिलेगा, जो इलाज अधूरा छोड़ देते हैं अथवा नियत समय पर जांच के लिए नहीं आते हैं। यह योजना 1 अप्रैल 2018 से लागू है


उन्होंने बताया कि सरकार टीबी मरीज को हर माह 500 रुपये इस लिए देती है ताकि वह इलाज के दौरान ठीक से खायें और पौष्टिक भोजन लें। क्योंकि टीबी के मरीज को इलाज के दौरान पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। कई मरीजों की आर्थिंक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वह पौष्टिक आहार ले सकें । इलाज के दौरान उसकी भूख भी बढ़ जाती है।