स्तनपान सप्ताह पर लखनऊ अकादमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स की संगोष्ठी

'विश्व स्तनपान सप्ताह' पिछले 28 वर्षों से विश्व के 170 देशों में मनाया जा रहा है | आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सिर्फ 25 प्रतिशत महिलाएं ही प्रसव के एक घंटे के भीतर स्तनपान करा पाती हैं और सिर्फ 41 प्रतिशत पहले 6 माह तक अनन्य स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रैस्टफीडिंग) कराती हैं | इंडियन अकादमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डॉ. अनूप बाजपाई ने एक संगोष्ठी में जानकारी दी | संस्था के सचिव डॉ. अभिषेक बंसल के अनुसार 1 से 7 अगस्त तक मनाये जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के माध्यम से बालरोग विशेषज्ञ समाज को स्तनपान की उपयोगिता के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं | स्तनपान से भारत में प्रतिवर्ष 100,000 बच्चो के जीवन एवं करीब 26 हजार करोड़ की धनराशि बचाई जा सकती है | डॉ उत्कर्ष बंसल ने कहा की "हर माँ का शिशु को वरदान, स्तनपान है अमृतपान" | माँ का दूध शिशु के विकास के लिए सभी पोषक तत्व युक्त, साफ़, हमेशा उपलब्ध, उचित तापमान पर, रोग-प्रतिरोधकक्षमता बढाने, दिमागी विकास करने और भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाव देने वाला होता है | नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद, आधे घंटे के अन्दर माँ का पीला गाढ़ा दूध पिलाना बहुत जरूरी है, इसके कम मात्रा में होने के बावजूद इसमें शिशु के लिए बीमारियों से लड़ने की शक्ति और उचित पोषण होता है |


यू.पी.आई.ए.पी. अध्यक्षा डॉ पियाली भट्टाचार्य ने कहा स्तनपान करने वाली माँ को जन्म के बाद का रक्तस्राव कम होता, वजन जल्दी कम होता, स्तन व अंडाशय के कैंसर से बचाता तथा सबसे आवश्यक माँ और शिशु में प्यार का रिश्ता कायम करता है | डॉ सितांशु श्रीवास्तव ने कहा कम दूध की समस्या ज्यादातर दूध पिलाने के गलत तरीके से होती है जिसमे शिशु का स्तन पर सही लगाव नहीं हो पाता | इसलिए स्तनपान कराते हुए शिशु के सर और शरीर को सीधा रखते हुए माँ को अपने समीप रखकर पूरे शरीर को सहारा दे | शिशु के मुहँ में स्तन के निप्पल के चारों ओर का भूरा भाग (अरिओला) भी हो और उसकी ठोड़ी स्तन को छुए | इस तरह वो सही लगाव करने से वह अच्छे से स्तनपान करेगा और दूध की मात्रा बढ़ेगी | डॉ सलमान खान ने कहा की छ: माह तक माँ का दूध शिशु की हर ज़रूरत के लिए काफी है और उसे पानी, घुट्टी, शहद या ऊपर का दूध कतई नहीं देना चाहिये |


डॉ संजय निरंजन ने जोर देकर कहा की ऊपर का दूध और बोतल शिशु के सबसे बड़े शत्रु हैं, ये डायरिया, निमोनिया, कुपोषण, एलर्जी, इत्यादि का प्रमुख कारण हैं | छ: माह के बाद भी स्तनपान कमसेकम 2 वर्ष तक जारी रखते हुए घर का बना पूरक आहार खिलाना आरम्भ कर देना चाहिए | स्तनपान करने वाले बच्चे स्वस्थ रहते हैं और कम बीमार पड़ते हैं |