साधन सहकारी समितियों में किसानों के साथ लूटखसोट चरम पर

मसौली, बाराबंकी। साधन सहकारी समितियों पर यूरिया खाद की किल्लत के चलते क्षेत्र में प्राइवेट खाद की दुकानों पर किसानों से मनमाना दाम वसूला जा रहा है। जिससे किसान अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
     किसानों की हमसफर कही जाने वाली साधन सहकारी समितियों प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते असहज साबित हो रही है। कहने को तो क्षेत्र में 6 साधन सहकारी समिति एव दो सहकारी संघ संचालित है परन्तु बीते 10 माह से  साधन सहकारी समिति सफदरगंज, लक्षवर बजहा, प्यारेपुर सरैंया एव सहकारी संघ सफदरगंज तालाबन्दी का दंश झेल रहे हैं। साधन सहकारी समिति बड़ागाँव,मसौली, भयारा एव सहकारी संघ बड़ागाँव में बीते कई दिनों से यूरिया खाद का आभाव है जिसका फायदा प्राइवेट खाद विक्रेता उठा रहे है और किसानों से मनमाना दाम वसूल रहे है किसान मजबूरन महँगे दामो पर यूरिया खाद खरीदने को विवश है।
      बताते चले कि सहकारिता विभाग के चहेते सचिव कमल कुमार के पास साधन सहकारी समिति सफदरगंज, लक्षवर बजहा,प्यारेपुर सरैंया व सहकारी संघ सफदरगंज का चार्ज था। साधन सहकारी समिति सफदरगंज एव प्यारेपुर सरैंया में चहेते सचिव द्वारा नकली डीएपी खाद बेचने के कारण बर्खास्त कर दिया तथा 17 अक्टूबर 2018 को सचिव कमल कुमार तीनो साधन सहकारी समितियों पर ताला बन्द कर फरार हो गया जिसकी तलाश सहकारिता विभाग अभी तक कर रही है ।सचिव की फरारी के चलते दस माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी बन्द समितियों का ताला नही खुल सका। नतीजा यह है कि किसान रबी की फसल  प्राइवेट दुकानदारों के सहारे खेती की और अब खरीफ की फसल भी प्राइवेट दुकानदारों के सहारे है।
सहायक विकास अधिकारी सहकारिता शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि साधन सहकारी समिति बड़ागाँव, मसौली, भयारा एव सहकारी संघ बड़ागाँव में वर्तमान समय में यूरिया खाद उपलब्ध नही ह,ै डिमाण्ड लगाया जा चूका है। एक दो दिन में खाद आने की संभावना है।