मिलीभगत का जारी खेल सारे नियम कानून हो रहे फेल किसान की कृषि भूमि दूसरे ने ठगी से करवाई रजिस्ट्री,

रामसनेहीघाट, बाराबंकी। किसान की कृषि योग्य जमीन का राजस्व, रजिस्ट्री व भूमाफिया ने मिलीभगत कर धोखाधड़ी कर बैनामा करवा लिया। जब किसान को धोखाधड़ी की जानकारी हुई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित किसान ने वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में शिकायत करते हुए जांच कर ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है ताकि मामला बेईमानी पर अमादा लोगों के लिए नजीर साबित हो सके।
प्राप्त जानकारी अनुसार गौरतलब हो कि तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाना टिकैतनगर के ग्राम बसंतपुर का है यहां के निवासी राम हरक ने कोतवाली रामसनेहीघाट प्रभारी निरीक्षक आलोक मणि त्रिपाठी को दी गई, तहरीर में आरोप लगाया है कि उसकी कृषि भूमि गाटा 105 में 0.607 हेक्टेयर बसंतपुर गांव में स्थित है। जिसको  किसी फर्जी व्यक्ति ने धोखाधड़ी कर ग्राम सिकरौरा निवासी राम हरक बनकर धर्मराज यादव पुत्र राम शंकर के पक्ष में उप निबंधक कार्यालय रामसनेहीघाट में 26 जुलाई को रजिस्ट्री कर दी।
 इसकी जानकारी 9 अगस्त को इस इशितहार द्वारा सूचना मिलने पर किसान को हुई पीड़ित तत्काल रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचा और वहां पर हुए बैनामे के कागजात निकलवाए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो क्रेता ने बताया कि ग्राम कोठरी गौरिया निवासी विनय शुक्ला द्वारा उसको यह जमीन दिलवाई गई है पीड़ित ने विनय शुक्ला को फोन किया तो उन्होंने बताया कि सेमरी निवासी दिनेश सिंह ने यह जमीन दिखाई थी और उन्होंने ही बैनामा करवाई है पीड़ित किसान का आरोप है कि उसकी जमीन बिक्री की उसे कोई जानकारी नहीं है और ना ही बिक्री का पैसा उसे मिला  पीडित ने कोतवाली रामसनेहीघाट में तहरीर देकर बैनामा निरस्त करने व संबंधित पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक आलोक मणि त्रिपाठी ने पीड़ित को बताया कि मामला धोखाधड़ी का है। इसमें उच्चाधिकारियों के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अब सवाल यह है कि जहां सारे साक्ष्य प्रत्यक्ष रूप से दिख रहे हैं वहां पर 420 जैसे जघन्य अपराध में उच्चाधिकारियों की अनुमति की बात दोहराई गई है। द्वारा पूछे जाने पर प्रभारी निरीक्षक आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि पीड़ित को पुलिस कप्तान आकाश तोमर जी के समक्ष भेजा गया है। वहां से अनुमति लेते ही थाने पर मुकदमा पंजीकृत करा दिया जाएगा वहीं क्षेत्रीय जनता में चर्चा की सुर्खियों में चल रहा है कि इतना बड़ा जघन्य अपराध होते हुए आखिर पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध अभी तक कार्यवाही न किया जाना कहीं ना कहीं से कुछ संदिग्ध जरूर दिख रहा है। अब देखना यह है कि मामला जहां अदालत की शरण में पीड़ित जाने की तैयारी में लग गया है उसे न्याय मिलता है या फिर मामले को ढाक के पात प्रशासन द्वारा रखा जाता है।